
-विष्णु देव मंडल-
बिहार का बेगूसराय पहले से भी अतिसंवेदनशील जिले में शुमार किया जाता रहा है। यहां अपराधियों और पुलिस के बीच मुठभेड़ होना आम है, लेकिन विगत मंगलवार को अज्ञात मोटरसाइकिल सवार अपराधी तकरीबन 30 किलोमीटर तक सड़क पर तांडव मचाते रहे। इन बदमाशों को रोकने के लिए पुलिस का कहीं अता पता नहीं था। अपराधी बेखौफ सड़कों पर गोलियां चला रहे थे और सड़क पर चल रहे राहगीर अपनी जान बचाने के लिए छिपते फिर रहे थे। फिर भी गोलियों की बौछार से एक व्यक्ति की घटनास्थल पर ही मौत हो गई जबकि करीब एक दर्जन लोग घायल हुए। जिस एन एच 28 से होकर बदमाश गुजर रहे थे उसके तकरीबन 30 किलोमीटर के बीच चार थाने पड़ते हैं। लेकिन जब अपराधी तांडव मचा रहे थे तब उस मार्ग पर कहीं भी पुलिसकर्मी दिखाई नहीं दिए।

घटना के 24 घंटे गुजर जाने के बावजूद बिहार सरकार और बिहार पुलिस अपराधियों को पकड़ने में नाकाम रही है। यह जरुर है कि आनन-फानन में बिहार सरकार ने चार सब इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया।
सही मायने में 2005 से 2015 तक बिहार में कानून का राज था
यहां उल्लेखनीय है की बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दिनों मीडिया को संबोधित करते हुए कहा था कि अपराध तो हर देश और दुनिया में है। बिहार में कहीं जंगलराज नहीं है। यहां तो जनता राज है। नीतीश कुमार के बयान के 24 घंटे के भीतर अपराधियों ने बेगूसराय की सड़कों पर तांडव कर यह संदेश दे दिया कि उन्हें कानून का डर नहीं है।
गौरतलब है कि नीतीश कुमार 2005 में जंगलराज का भय दिखा कर ही सत्ता में आए थे। सही मायने में 2005 से 2015 तक बिहार में कानून का राज था। अपराधी कानून से भयभीत रहते थे लेकिन नीतीश कुमार जब से पाला बदले हैं तब से अपराधी बेलगाम हैं। पिछले 1 महीने में बिहार के अधिकांश जिलों में अपराधिक वारदातों में वृद्धि हुई है। जहां विपक्ष शासन और सरकार पर सवाल उठा रहा है वहीं सत्ता पक्ष इस बात से इंकार कर रहा है कि बिहार में आपराधिक घटना बढी हैं।
गिरिराज सिंह ने चिंता व्यक्त की
बेगूसराय में हुए गोलीकांड के बारे में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने चिंता व्यक्त की है। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि जब से नीतीश कुमार ने महागठबंधन के साथ सरकार बनाई हैं तब से बिहार में अपराधी बेलगाम हो गए हैं। बेगूसराय जिले के लगभग 30 किलोमीटर तक अपराधी सड़कों पर तांडव मचा रहे थे जबकि पुलिस प्रशासन उन्हें नहीं रोक पाया। उन्होंने आरोप लगाया की 24 घंटे बीत जाने के बाद भी नीतीश सरकार अपराधियों को पकड़ने में नाकामयाब है। पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपराधियों के संरक्षण वाली सरकार के साथ घुल मिल गए हैं।सड़क पर अपराधी तांडव कर रहे हैं और पुलिस आमजन की रक्षा करने में नाकामयाब है।
कानून व्यवस्था चौपट
समस्तीपुर निवासी साहित्यकार ईश्वर करूण का कहना है कि सरकार बदलते ही बिहार की कानून व्यवस्था चौपट हो गई है, अपराधियों में भय गायब हो चुका है। बिहार में हर दिन कहीं न कहीं आपराधिक वारदात घटित हो रही हैं। मधुबनी निवासी उदय कांत मंडल कहते हैं नीतीश कुमार ने 2005 से 2015 तक बिहार में सुशासन की सरकार चलाए थे। कानून व्यवस्था पटरी पर थी लेकिन नीतीश कुमार अपनी कुर्सी के लिए एक बार फिर राष्ट्रीय जनता दल के गोद में चले गए हैं और गुंडे आमजन का अमन चौन छीन ले को उतारू है।
दरभंगा लहेरियासराय निवासी धर्मेंद्र कुमार सिंह कहते हैं कि जब से बिहार में सरकार बदली है कानून व्यवस्था बेपटरी हो चली है। आए दिन हर गांव शहर और सड़क पर अपराधी खूनी खेल खेल रहे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री बनने के लिए गठबंधन दल को खोज रहे हैं जबकि राज्य की कानून व्यवस्था दिनों दिन बदतर होती जा रही है।
(लेखक बिहार निवासी स्वतंत्र पत्रकार हैं)