
-उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए सृजन कार्यक्रम आयोजित
-स्वयंभू नेता अपने चहेतों को पदों पर थोपने के प्रयास में
-देवेंद्र यादव-

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए सृजन कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। कांग्रेस के इस कार्यक्रम ने उत्तर प्रदेश में पार्टी के भीतर हलचल मचा रखी है। इस कार्यक्रम से उत्तर प्रदेश की राजनीति में अलग थलग और हाशिये पड़ी कांग्रेस राजनीतिक गलियारों और मीडिया में सुर्खियों में दिखाई देने लगी है।
यूपी में लगभग चार दशक से भी अधिक समय से कांग्रेस सत्ता से बाहर है। यह तो तब है जब गांधी परिवार के सदस्य उत्तर प्रदेश के अमेठी और रायबरेली से लगातार चुनाव लड़ रहे हैं और जीत रहे हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में गांधी परिवार से केवल राहुल गांधी रायबरेली से लोकसभा का चुनाव लड़े और जीते। राहुल गांधी पहली बार रायबरेली से चुनाव लड़े थे इससे पहले रायबरेली से श्रीमती सोनिया गांधी चुनाव लड़ती रही है और राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ते थे।
राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के संगठन को मजबूत करने के लिए गंभीर नजर आ रहे हैं। इसी का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस संगठन सृजन कार्यक्रम के रूप में नई लीडरशिप डेवलप करने के लिए कार्यकर्ताओं का साक्षात्कार ले रही है। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस संगठन को मजबूत करने के लिए जितने गंभीर राहुल गांधी दिखाई दे रहे हैं क्या इतने गंभीर उत्तर प्रदेश के स्वयंभू नेता भी है जो वर्षों से कुंडली मारकर उत्तर प्रदेश कांग्रेस के संगठन में बैठे हुए हैं। क्या यह स्वयंभू नेता उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की ईमानदार, वफादार और कर्मठ कार्यकर्ताओं की नई लीडरशिप डेवलप होने देंगे।
कांग्रेस के संगठन सर्जन को देखें तो, सवाल उठता है कि क्या उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बैठकर कांग्रेस के नेता चुनिंदा लोगों को बुलाकर उनका साक्षात्कार लेकर उत्तर प्रदेश में भविष्य के लिए कांग्रेस के नेता बना देंगे।
ईमानदार और कर्मठ लीडरशिप तब डेवलप होगी जब कांग्रेस के नेता ब्लॉक और जिलों में जाकर कार्यकर्ताओं से बात और संवाद करेंगे और साक्षात्कार भी लखनऊ की जगह ब्लॉक और जिलों में लेंगे। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के पास अपने संगठन को मजबूत करने का बड़ा अवसर है। कांग्रेस उत्तर प्रदेश में नई लीडरशिप डेवलप कर अपने पारंपरिक मतदाताओं की घर वापसी करवा सकती है, क्योंकि उत्तर प्रदेश में मायावती और अखिलेश यादव के अपने समाज के मतदाता भी उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी की नीति की ओर देख रहे है।ं वे बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं कि राहुल गांधी उत्तर प्रदेश के संगठन में उन्हें बड़ी भूमिका दें। मगर यह तभी होगा जब राहुल गांधी गंभीरता से इस मामले में रूचि लें और नेताओं को नई लीडरशिप डेवलप करने के लिए ब्लॉक और जिलों में कार्यकर्ताओं का साक्षात्कार लेने के लिए भेजें।
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के पास जमीनी कार्यकर्ताओं की कोई कमी नहीं है। मगर जमीनी कार्यकर्ताओं के पास अर्थ का अभाव है इसलिए कांग्रेस का कार्यकर्ता साक्षात्कार देने के लिए लखनऊ नहीं जा सकता है। उसका साक्षात्कार लेने ब्लॉक और जिलों में ही जाना होगा।
शायद कार्यकर्ताओं की इस मजबूरी का फायदा वह स्वयंभू नेता उठा रहे हैं जो लंबे समय से उत्तर प्रदेश के संगठन में कुंडली मारकर बैठे हुए हैं। वह नहीं चाहते कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस में नई लीडरशिप डेवलप और संगठन मजबूत हो। क्योंकि राहुल गांधी उत्तर प्रदेश के रायबरेली से लोकसभा के सांसद हैं और अमेठी और रायबरेली गांधी परिवार की पारंपरिक सीट हैं, इसलिए राहुल गांधी को उत्तर प्रदेश को लेकर गंभीरता दिखानी होगी और संगठन को मजबूत करने के लिए नेताओं को ब्लॉक और जिलों में पहुंचाकर कार्यकर्ताओं की राय शूमारी करके नई लीडरशिप डेवलप करनी होगी। वरना लखनऊ में तो राय शुमारी की जगह सिफारिश ज्यादा दिखाई देगी, जो नजर भी आ रहा है।
प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रभारी पर दिल्ली में बैठे नेता प्रियंका गांधी का दबाव बनाकर अपने चहतों को जिला अध्यक्ष बनाने की जुगाड़ में लगे हुए हैं। राहुल गांधी को यह भी देखना होगा कि वह कौन नेता है जो उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी के नाम पर स्लीपर सेलों को जिलों में नियुक्त करवाना चाहते हैं। क्या इन नेताओं को प्रियंका गांधी का संरक्षण प्राप्त है, जो प्रियंका गांधी के नाम पर उत्तर प्रदेश के कार्यकर्ताओं और कद्दावर नेताओं को जलील कर अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं। उत्तर प्रदेश में संगठन को मजबूत करने के लिए राहुल गांधी को ऐसे नेताओं पर नजर रखनी चाहिए जिनके कारण कांग्रेस को नुकसान हो रहा है और नुकसान हो सकता है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)
बिलकुल सही लिखा है आपने
क्या कांग्रेस में स्लीपर सेल राहुल गांधी जी को तरजीह नही दे रहा है!
क्या स्लीपर सेल ही कांग्रेस को डूबो रहा है!
क्या कांग्रेस में जो स्लीपर सेल है उसी के वजह से कुछ युवा वर्ग के कांग्रेसी नेता भाजपा में शामिल हुए हैं!
सवाल है कि कब तक स्लीपर सेल के नेताओं को कांग्रेस पार्टी में रखा जाएगा!
सवाल है कि पुरे देश में कांग्रेस पार्टी के संगठनों को मजबूत कब क्या जाएगा!
कांग्रेस लायें देश बचायें क्योंकि कांग्रेस ही देश में लोकतंत्र के साथ खुशहाली ला सकती है।
जय कांग्रेस विजय कांग्रेस
सच्ची कांग्रेस अच्छी कांग्रेस
सुरेंद्र कुमार सिंह
राष्ट्रीय सचिव
अखिल भारतीय राजीव गांधी विचार विकास मंच
नई दिल्ली