
-देवेंद्र यादव-

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को यह समझना होगा कि, बरसों से राज्यों में पदों पर काबिज नेता अपने राज्य में एक उपचुनाव नहीं जितवा सकते हैं, उनके बूते कांग्रेस कैसे विधानसभा चुनाव जीतकर सरकार बना सकती है।
पंजाब और गुजरात में विधानसभा का उपचुनाव भले ही सामान्य थे, मगर राजनीतिक रूप से राहुल गांधी के मिशन गुजरात फतेह और कांग्रेस संगठन सृजन अभियान की दृष्टि से भी बड़े थे। राहुल गांधी ने संसद से लेकर गुजरात की धरती पर ऐलान किया था कि वह आगामी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को हराकर गुजरात में कांग्रेस की सरकार बनाएंगे। कांग्रेस ने गत दिनों अपना महा अधिवेशन भी गुजरात के अहमदाबाद में आयोजित किया। इस आयोजन को देखने से लगता था कि कांग्रेस और राहुल गांधी गुजरात में कांग्रेस की वापसी के लिए कितने गंभीर हैं। लेकिन गुजरात को लेकर राहुल गांधी जितने गंभीर दिखाई दे रहे हैं, उतने गंभीर गुजरात के स्वयंभू नेता दिखाई नहीं दे रहे हैं। इसे उजागर किया गुजरात में हुए दो विधानसभा क्षेत्र के उप चुनाव ने जहां कांग्रेस के उम्मीदवार की जमानत जप्त हो गई। देखने वाली बात तो यह है कि गुजरात में हाई कमान और राहुल गांधी ने वरिष्ठ और राजनीतिक तजुर्बे कार नेता मुकुल वासनिक को गुजरात कांग्रेस का राष्ट्रीय प्रभारी बनाया था। राहुल गांधी ने मिशन गुजरात फतेह की बड़ी जिम्मेदारी मुकुल वासनिक के हाथ में दे रखी थी। मुकुल वासनिक ने राहुल गांधी के मिशन गुजरात फतेह को लेकर गुजरात में अपना पड़ाव डाल रखा है। राहुल गांधी को भी गुजरात के दौरे कराए और राहुल गांधी ने गुजरात की धरती पर कहा था कि कांग्रेस के भीतर दो तरह के घोड़े होते हैं एक शादी वाला घोड़ा और दूसरा रेस वाला घोड़ा। इन्हें बदलना होगा। गुजरात की धरती से ही राहुल गांधी ने यह भी कहा था कि कांग्रेस के भीतर भारतीय जनता पार्टी के लोग घुस चुके हैं। ये रहते तो कांग्रेस में हैं लेकिन काम भारतीय जनता पार्टी का करते हैं। उन्हें कांग्रेस से बाहर करना होगा। गुजरात की धरती पर बोलने के बाद राहुल गांधी ने संसद के भीतर भी भारतीय जनता पार्टी को गुजरात में हराने का ऐलान किया था। कांग्रेस का महा अधिवेशन गुजरात के अहमदाबाद में किया था। सवाल यह है कि क्या गुजरात कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल, गुजरात कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रभारी मुकुल वासनिक और कांग्रेस सेवा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जो गुजरात से ही आते हैं लाल जी देसाई राहुल गांधी को भ्रम में रख रहे थे।राहुल गांधी भी इनके मुगालते में आ गए। गुजरात उपचुनाव में मिली करारी हार के बाद शक्ति सिंह गोहिल तो अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा देकर निकल लिए, मगर गुजरात फतेह की बड़ी जिम्मेदारी तो राहुल गांधी ने मुकुल वासनिक को राष्ट्रीय प्रभारी बनाकर दी थी। मुकुल वासनिक ने इस हार की जिम्मेदारी क्यों नहीं ली। गुजरात को फतह करने के उद्देश्य से कांग्रेस हाई कमान ने गुजरात के नेता लाल जी देसाई को कांग्रेस के महत्वपूर्ण संगठन कांग्रेस सेवा दल का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया था। लालजी देसाई कांग्रेस सेवा दल के अध्यक्ष बने हैं। देश में सेवादल राजस्थान को छोड़कर अन्य प्रदेश में नजर तक नहीं आता। कांग्रेस सेवादल जितना कमजोर आज दिखाई दे रहा है उतना पहले कभी नहीं रहा।
यदि बात पंजाब की करें तो, वहां का कांग्रेस कार्यकर्ता तो निराश है। पंजाब के नेता मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर को लेकर आपस में झगड़ रहे हैं और ख्याली पुलाव बना रहे हैं। बड़ा सवाल यह भी है कि कांग्रेस के भीतर बैठे वे लोग कौन है जो राहुल गांधी को कमजोर कर विफल करना चाहते हैं।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)