
-देवेंद्र यादव-

राहुल गांधी ने बुधवार 13 अगस्त को बिहार वोटर लिस्ट में मृतक लोगों के साथ अपने दिल्ली स्थित घर में चाय पीकर, चुनाव आयोग, केंद्र की सत्ता सत्ता और मीडिया के गलियारों में,” चाय के प्याले में, तूफान ला दिया। वहीं आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और राहुल गांधी संपर्क में हैं। जगन मोहन रेड्डी के दावे ने भी 13 अगस्त बुधवार के दिन सत्ता पक्ष भाजपा के राजनीतिक गलियारो में सनसनी फैला दी। उसी 13 अगस्त को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने, अदालत को यह कहकर की मेरी जान को खतरा है, कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच चिंता की लकीरें खींच दी।

13 अगस्त बुधवार का दिन, देश की राजनीति में, तूफान, सनसनी और चिंता भरा रहा। यदि इसे मौजूदा राजनीति के परिपेक्ष में देखें तो, 13 अगस्त बुधवार का दिन, राजनीतिक रूप से बड़ा इशारा करता हुआ नजर आ रहा है। राहुल गांधी और इंडिया गठबंधन, सितंबर और नवंबर महीने का इंतजार नहीं करेगा। इसके पहले ही वह देश की राजनीति में बड़ा उलट फेर कर देगा। 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 75 वां जन्मदिन है। नवंबर महीने में बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम आएंगे। लंबे समय से राजनीतिक गलियारों में चर्चा हो रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को 75 साल के हो जाएंगे ऐसे में क्या वह राजनीति से रिटायर हो जाएंगे। इस बात को राजनीतिक पंडित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंचालक मोहन भागवत के बयान से जोड़कर बता रहे हैं। क्या मोदी सितंबर में रिटायर हो जाएंगे, यह बड़ा सवाल है, और क्या नवंबर महीने में बिहार विधानसभा के चुनाव परिणाम यदि भाजपा के अनुकूल नहीं आए तो, मोदी सरकार पर गठबंधन की सरकार चलाने का खतरा मंडराने लगेगा। क्या चंद्रबाबू नायडू केन्द्र सरकार से अपना समर्थन वापस ले लेंगे। यह तमाम अटकले हैं जो राजनीतिक गलियारो और सोशल मीडिया पर सुनाई दे रही हैं। लेकिन 13 अगस्त बुधवार के दिन चाय के प्याले में आया तूफान जगनमोहन रेड्डी द्वारा फैलाई सनसनी और राहुल गांधी द्वारा अपनी जान को खतरा बता कर खींची चिंता की लकीर , इशारा कर रही है कि राहुल गांधी केंद्र की भाजपा सरकार को अब संभलने का मौका नहीं देना चाहते हैं। वह सितंबर और नवंबर महीने का इंतजार करे बगैर ही, देश की राजनीति में बड़ा उलट फेर करने के मूड में आ गए हैं। कुछ दिन पहले राहुल गांधी ने संसद के बाहर पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा था कि पिक्चर अभी बाकी है। कुछ दिन इंतजार करो। देखना यह है कि क्या इंतजार की घड़ी आ गई है, 13 अगस्त बुधवार का दिन इस और इशारा करता हुआ नजर आ रहा है।
कांग्रेस और इंडिया घटक दल के नेता सक्रिय नजर आ रहे हैं। कांग्रेस और इंडिया घटक दलों के राजनीतिक रणनीतिकारों की सक्रियता इशारा कर रही है कि देश की राजनीति में सितंबर और नवंबर महीने से पहले ही कुछ बड़ा होने वाला है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)