दलित, आदिवासी और ओबीसी का समर्थन तय करेगा कांग्रेस का भविष्य!

whatsapp image 2025 01 31 at 09.37.48

-देवेंद्र यादव-

devendra yadav
-देवेंद्र यादव-

कांग्रेस के लिए भाजपा को हराकर सत्ता में वापसी का रास्ता दलित, आदिवासी और पिछड़ा वर्ग को एकजुट करने से ही निकलेगा। कांग्रेस ने शायद इस वास्तविकता को समझ लिया है। इसी वजह से कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस मिशन में जुट गए हैंु। कांग्रेस जय भीम जय बापू और जय संविधान की राह पकडकर 2029 के लोकसभा चुनाव के लिए अपनी जीत का रास्ता बनाने में लग गई है। कांग्रेस और राहुल गांधी के लिए यही एक रास्ता है जिसे तय करके वह भारतीय जनता पार्टी को 2029 के आम चुनाव में शिकस्त दे सकती है। भारतीय जनता पार्टी जिस हिंदू कार्ड के रास्ते पर चलकर कांग्रेस को हराकर केंद्र की सत्ता में बनी हुई है, उस हिंदू कार्ड की काट कांग्रेस के पास केवल दलित, आदिवासी और पिछड़ों को एक जुट कर समर्थन हासिल करना है। कांग्रेस ने इसके लिए जय बापू जय भीम और जय संविधान के मिशन का आगाज कर दिया। 2024 के लोकसभा चुनाव पर नजर डालें तो, कांग्रेस 2024 के 99 सीट जीतने और भारतीय जनता पार्टी को 240 सीटों पर रोकने में इसलिए कामयाब हुई क्योंकि कांग्रेस और उसके नेता राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने देश भर में संविधान बचाओ और आरक्षण बचाओ के नारे को बुलंद किया था। कांग्रेस के इस नारे ने दलित, आदिवासी और पिछड़ा वर्ग के लोगों को बहुत हद तक कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के पक्ष में मतदान किया था। कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को सरकार बनाने से नहीं रोक पाई। मतलब साफ है दलित आदिवासी और पिछड़ा वर्ग ने अपना पूर्ण समर्थन इंडिया गठबंधन को नहीं दिया। इसकी वजह इंडिया गठबंधन का नेता कौन है और प्रधानमंत्री कौन बनेगा को लेकर शायद दलित आदिवासी और पिछड़ा वर्ग के लोगों में असमंजस की स्थिति थी। यदि कांग्रेस अकेले अपने दम पर 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ती तो उसको बड़ा फायदा होता। लेकिन कांग्रेस के नेताओं को शायद स्वयं पर ही भरोसा नहीं था और इसीलिए कांग्रेस इंडिया गठबंधन के सहारे चुनावी मैदान में उतरी।
लोकसभा चुनाव से पहले दलित आदिवासी और पिछड़ा वर्ग को एकजुट करने का अभियान कांग्रेस ने चलाया और इसका सबसे बड़ा फायदा मिला इंडिया गठबंधन के घटक दल समाजवादी पार्टी और टीएमसी को। इंडिया गठबंधन घटक दल के नेता 2024 के लोकसभा चुनाव में फायदा उठाकर अब कांग्रेस पर ही अंगुली उठाते हुए नजर आ रहे हैं। अब शायद कांग्रेस के नेताओं को एहसास होने लगा है कि उन्होंने बड़ी गलती की थी जो वह इंडिया गठबंधन में शामिल होकर 2024 का लोकसभा चुनाव लड़े।
राहुल गांधी संविधान रक्षा के मिशन को लेकर, दलित आदिवासी और पिछड़ा वर्ग के बुद्धिजीवी और चिंतकों के बीच में जा रहे हैं। कांग्रेस संविधान रक्षा सम्मेलन कर रही है। कांग्रेस का उद्देश्य दलित आदिवासी और पिछड़ा वर्ग के लोगों को एकजुट करने का है। राहुल गांधी पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी का हवाला देकर बता रहे हैं कि इंदिरा गांधी युग में कांग्रेस के भीतर दलित आदिवासी और पिछड़ा वर्ग के नेताओं और कार्यकर्ताओं की कितनी बड़ी हैसियत हुआ करती थी। श्रीमती इंदिरा गांधी ने कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबू जगजीवन राम को बनाया था और देश का रक्षा मंत्री भी बाबू जगजीवन राम को बनाया था। 1971 में जब पाकिस्तान के दो टुकड़े हुए थे तब इंदिरा गांधी ने देश का रक्षा मंत्री दलित नेता बाबू जगजीवन राम को बनाया था और 1972 में जब कांग्रेस ने आम चुनाव जीता तब दलित नेता बाबू जगजीवन राम कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। तब कांग्रेस के पास सत्ता और संगठन में दलित आदिवासी और पिछड़ा वर्ग के बड़े-बड़े जनाधार वाले कद्दावर नेता न केवल राष्ट्रीय स्तर पर थे बल्कि राज्यों में भी थे। मगर धीरे-धीरे कांग्रेस के भीतर जन आधार वाले नेताओं की कमी होने लगी और देश में दलित आदिवासी और पिछड़ा वर्ग के नेता अपने अपने राज्यों में अपने अपने राजनीतिक दल बनाने लगे। इस कारण कांग्रेस के पारंपरिक वोट में कमी होती चली गई और कांग्रेस ने राज्यों में मजबूत नेता बनाने की जगह राज्यों में स्थानीय पार्टियों से समझौता करके चुनाव लड़ने की नीति बनाई। इस कारण राज्यों में कांग्रेस के भीतर दलित आदिवासी और ओबीसी की नई लीडरशिप डेवलप नहीं हो पाई और कांग्रेस इसका खामियाजा आज तक भुगत रही है। शायद इसीलिए अब राहुल गांधी श्रीमती इंदिरा गांधी के युग को याद करते हुए कह रहे हैं कि हम कांग्रेस के भीतर दलित आदिवासी और ओबीसी को पर्याप्त भागीदारी देंगे और देश भर में नई लीडरशिप डेवलप करेंगे। वैसे कांग्रेस लंबे समय से गांधी परिवार के भरोसेमंद नेता के राजू के नेतृत्व में दलित आदिवासी ओबीसी वर्ग में नई लीडरशिप डेवलप करने का अभियान चल रहा है मगर इस अभियान को राज्यों के कांग्रेसी नेता गंभीरता से लें तब सफल होगा। कुल मिलाकर कांग्रेस के पास अवसर है जब उनका राष्ट्रीय अध्यक्ष दलित नेता मल्लिकार्जुन खड़गे हैं, जो जय बापू जय भीम और जय संविधान के नाम पर देश के दलित आदिवासी और पिछड़ा वर्ग को एकजुट कर भारतीय जनता पार्टी के हिंदू कार्ड पर बड़ा डेंट डाल सकते हैं।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)

Advertisement
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments