
-देवेंद्र यादव-

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के जिला अध्यक्षों की घोषणा के बाद, अब जिला कार्यकारिणी की भी घोषणा होने लगी है। उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी के ड्रीम प्रोजेक्ट कांग्रेस संगठन सृजन अभियान, का असर अब स्पष्ट दिखाई देने लगा है। उत्तर प्रदेश में सबसे पहले राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली और अमेठी जिला कार्यकारिणी की घोषणा हुई। रायबरेली और अमेठी जिला कांग्रेस कमेटी की घोषणा के बाद जिला कार्यकारिणीयो की घोषणा का सिलसिला जारी है।
अमेठी के लोकसभा सदस्य किशोरी लाल शर्मा और जिला अध्यक्ष प्रदीप सिंघल ने अमेठी कांग्रेस कमेटी के नवनियुक्त पदाधिकारियों को माला पहनाकर स्वागत किया। अमेठी में प्रभावशाली सांसद किशोरी लाल शर्मा के द्वारा नवनियुक्त पदाधिकारियों का स्वागत और सम्मान, यह बताता है कि नवनियुक्त पदाधिकारियों को नेता बनकर नहीं बल्कि साधारण कार्यकर्ता बनकर कार्यकर्ताओं और जनता के बीच जाना होगा। कार्यकर्ताओं और जनता का सम्मान करना होगा। कार्यकर्ताओं और जनता की समस्याएं सुनकर उनका समाधान करना होगा। किशोरी लाल शर्मा लगभग 40 वर्ष से अमेठी और रायबरेली संसदीय क्षेत्र में पार्टी का काम कर रहे हैं और उन्होंने नेता बनकर नहीं बल्कि एक साधारण कार्यकर्ता बनकर दोनों संसदीय क्षेत्र की जनता की समस्याएं सुनी और समस्याओं का समाधान कराया। परिणाम यह हुआ कि अमेठी की जनता ने 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्हें जिताकर सांसद बनाया।

जहां तक उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी के ड्रीम प्रोजेक्ट कांग्रेस संगठन सृजन के असर की बात करें तो, जब जिला अध्यक्षों की घोषणा हुई तब नवनियुक्त अध्यक्षों को लेकर पार्टी के कार्यकर्ताओं के भीतर असंतोष नजर आया और विवाद खड़ा हुआ। जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर विवाद और असंतोष यह दर्शाता है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस कमजोर नहीं है बल्कि प्रत्येक जिले और ब्लॉक में अभी भी कांग्रेस मौजूद है। यदि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस जिला ब्लॉक और ग्राम में मौजूद नहीं होती तो जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर असंतोष और विवाद भी दिखाई नहीं देता। विवाद और असंतोष का मतलब साफ है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस जिंदा है। जरूरत है उसे खड़ा करने की है। इसके लिए राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में मिशन कांग्रेस संगठन सर्जन अभियान चला रहे हैं।
जिला कार्यकारिणियों की घोषणा के बाद उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के भीतर उत्साह देखा जा रहा है और खबर आ रही है कि कार्यकर्ताओं में इस बात को लेकर मलाल है कि जिला कार्यकारिणी में उनका नंबर क्यों नहीं आया। इसका ठोस और मजबूत जवाब राहुल गांधी और कांग्रेस के पास है। जो पार्टी के प्रति समर्पित वफादार और ईमानदार कार्यकर्ता जिला कार्यकारिणी से वंचित रह गए हैं उन्हें कांग्रेस के अग्रिम संगठनों और कांग्रेस के विभिन्न प्रकोष्ठों में स्थान मिलेगा।
उत्तर प्रदेश में नेता यदि ईमानदारी से संगठन को मजबूत करने के लिए कार्य करें तो, कांग्रेस को मजबूती के साथ खड़ा करने वाले कार्यकर्ताओं और लोगों की कोई कमी नहीं है। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस विचारधारा के लोग अभी भी कांग्रेस में उन्हें सम्मान जनक जिम्मेदारी मिले इसका इंतजार कर रहे हैं। कांग्रेस विचारधारा के लोगों को जिम्मेदारी देने के लिए उत्तर प्रदेश के नेताओं के पास कांग्रेस के भीतर अग्रिम संगठन और विभिन्न प्रकोष्ठ हैं। अग्रिम संगठनों और प्रकोष्ठों में कांग्रेस विचारधारा के लोगों को शामिल कर सम्मानजनक जिम्मेदारी दी जा सकती है। राहुल गांधी का मिशन कांग्रेस संगठन सृजन का कार्यक्रम, अग्रिम संगठन और प्रकोष्ठों को मजबूत करने से ही पूर्ण रूप से सफल होगा। प्रदेश कांग्रेस कमेटी और जिला कांग्रेस कमेटी में पद लेने के बाद कार्यकर्ता नेता बन जाता है, और कार्यकर्ताओं पर अपना रुतबा जमाता है। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को नेताओं की नहीं बल्कि कार्यकर्ताओं की जरूरत है। कार्यकर्ता कांग्रेस को अग्रिम संगठनों और प्रकोष्ठों से मिलेंगे।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)