सर्वे और चयन फार्मूले ने कांग्रेस नेताओं की नींद उड़ाई ?

यदि राजस्थान में प्रत्याशी चयन के लिए फार्मूला बनाया और सर्वे पर अमल कर राजनीतिक प्रयोग किया तो 2023 के विधानसभा चुनाव में बरसों से अपनी-अपनी विधानसभा सीटों पर कुंडली मारकर बैठे अनेक क्षत्रप चुनावी मैदान से नदारद नजर आएंगे। यदि ईमानदारी से फॉर्मूला और सर्वे के आधार पर टिकट दिए गए तो राजस्थान के हाडोती संभाग में सारे नए चेहरे कांग्रेस की तरफ से चुनाव लड़ते नजर आएंगे।

-देवेंद्र यादव-

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देवेंद्र यादव

राजस्थान में कांग्रेस मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर चल रहे विवाद के बावजूद 2023 में कांग्रेस लगातार दूसरी बार जीत को लेकर आश्वस्त है।
जीत को लेकर आश्वस्त होने का कारण, गहलोत सरकार के द्वारा राजस्थान की जनता के लिए लागू की गई अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं का होना है। इसके अलावा राजस्थान कांग्रेस और राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर हाईकमान के चुनावी रणनीति कारों का राजस्थान विधानसभा चुनाव जीतने के लिए मजबूत रणनीति बनाना है।
इन दिनों राजस्थान को लेकर दबी जुबान राजनीतिक गलियारों में खबर आ रही है कि कांग्रेस राजस्थान में प्रत्याशियों के चयन के लिए नया फार्मूला लेकर आ रही है। कांग्रेस राज्य भर में विभिन्न स्तरों पर उम्मीदवारों को लेकर सर्वे भी करा रही है।
यदि प्रत्याशियों के चयन के लिए फार्मूला तय हुआ और सर्वे रिपोर्ट पर अमल किया तो राजस्थान में कांग्रेस का नया प्रयोग कारगर सिद्ध होगा, क्योंकि कांग्रेस ने कुछ ऐसा ही प्रयोग कर्नाटक विधानसभा चुनाव में किया था जहां कांग्रेस को बड़ी सफलता मिली थी।
यदि राजस्थान में प्रत्याशी चयन के लिए फार्मूला बनाया और सर्वे पर अमल कर राजनीतिक प्रयोग किया तो 2023 के विधानसभा चुनाव में बरसों से अपनी-अपनी विधानसभा सीटों पर कुंडली मारकर बैठे अनेक क्षत्रप चुनावी मैदान से नदारद नजर आएंगे। यदि ईमानदारी से फॉर्मूला और सर्वे के आधार पर टिकट दिए गए तो राजस्थान के हाडोती संभाग में सारे नए चेहरे कांग्रेस की तरफ से चुनाव लड़ते नजर आएंगे।
क्योंकि राजस्थान सहित हाडोती संभाग में अनेक ऐसे नेता मौजूद हैं, जो लगातार विधानसभा का चुनाव हार रहे हैं तो वहीं ऐसे दर्जनों नेता हैं जो एक चुनाव जीततै हैं और दूसरा चुनाव हार जाते हैं। लगातार वह नेता विधानसभा का चुनाव नहीं जीत पा रहे हैं। यदि ऐसे नेताओं को टिकट नहीं देने का फार्मूला लागू किया गया तो राजस्थान के हाड़ौती संभाग में सारे उम्मीदवार एकदम नए होंगे, क्योंकि हाडोती संभाग में लगातार चुनाव हारने वाले और एक जीत के बाद दूसरा चुनाव हारने वाले नेताओं की तादाद अधिक है बल्कि यूं कहें की हाडोती की 17 की 17 सीटों पर ऐसे ही उम्मीदवार मौजूद है जो लगातार चुनाव हार रहे हैं या फिर जो जीतकर विधायक हैं वह लगातार कभी चुनाव नहीं जीते।
वैसे भी हाड़ौती संभाग में उम्र दराज नेताओं की कोई कमी नहीं है जो विधायक भी हैं और लगातार चुनाव हार कर बैठे हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान में प्रयोग करने की जिम्मेदारी गांधी परिवार के भरोसेमंद नेता के राजू को दी है। के राजू अपनी टीम के साथ मजबूती से राजस्थान में नई लीडरशिप डवलप करने के अभियान पर हैं। राजस्थान में के राजू और राज्य अनुसूचित जाति वित्त विकास आयोग के चेयरमैन डॉ शंकर यादव इस मिशन पर गंभीरता और गोपनीयता से काम कर रहे हैं। कांग्रेस के अनुसूचित जाति जनजाति ओबीसी और अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय संयोजक के राजू राजस्थान में मिशन 59 को लेकर सक्रिय हैं इसके अलावा लीडरशिप मिशन के निशाने पर वह सीटें भी हैं जिन सामान्य सीटों पर दलित आदिवासी ओबीसी और अल्पसंख्यक वर्ग के मतदाताओं की तादात अधिक है। कुल मिलाकर लीडरशिप मिशन राज्य की 72 सीटों को 2023 में जीतने की योजना पर काम कर रहा है।
चुनाव से पहले लीडरशिप डेवलपमेंट मिशन बूथ स्तर पर अपने कोऑर्डिनेटर नियुक्त करने की योजना भी बना रहा है ताकि चुनाव के वक्त कांग्रेस का बुथ मजबूत रहे और कांग्रेस को चुनाव में जीत मिले।
देवेंद्र यादव, कोटा राजस्थान
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)

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