बिहार: मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर राहुल गांधी खेलेंगे मास्टर स्ट्रोक!

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फाइल फोटो राहुल गांधी। साभार सोशल मीडिया

-देवेंद्र यादव-

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देवेन्द्र यादव

महा गठबंधन के नेताओं के बीच बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर वोट शेयरिंग पर बैठक चल रही है, मगर अभी भी मुख्यमंत्री पद के लिए चेहरा कौन होगा, यह सवाल जस का तस बना हुआ है।
कांग्रेस के नेता राहुल गांधी की मुख्यमंत्री के चेहरे के लिए खामोशी किस नेता का इंतजार कर रही है। राहुल गांधी की खामोशी ने, मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार तेजस्वी यादव की नींद उड़ा रखी है। हालांकि तेजस्वी यादव को महागठबंधन ने टिकट बंटवारा कमेटी का अध्यक्ष बनाया है। महागठबंधन के घटक दल तेजस्वी यादव की अध्यक्षता में बैठक कर विधानसभा सीट शेयरिंग का काम कर रहे हैं। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन ने अभी तक तीन बैठक भी की हैं। मगर सवाल यह है कि महागठबंधन की तरफ से मुख्यमंत्री पद का चेहरा कौन होगा। राहुल गांधी की खामोशी और मुख्यमंत्री के चेहरे पर से पर्दा 9 सितंबर और बिहार में विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद उठेगा। शायद वह राहुल गांधी का बिहार चुनाव को लेकर मास्टर स्ट्रोक होगा।
जहां एक तरफ तेजस्वी यादव और राजद के नेताओं के मन में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर बेचैनी है ठीक वैसी ही बेचैनी बिहार कांग्रेस के नेताओं के मन में टिकट को लेकर है। कांग्रेस के नेताओं में बेचैनी इस कारण है कि सीट शेयरिंग में कांग्रेस को कितनी सीट मिलेगी और कौन-कौन सी सीट मिलेगी। बिहार चुनाव पर राहुल गांधी की सीधी और पैनी नजर है। कांग्रेस कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी इसके लिए राहुल गांधी की टीम ने प्रत्याशियों का चयन शायद कर लिया है। राहुल गांधी ने प्रत्याशियों के चयन के लिए चयन समिति का गठन अपनी बिहार में वोटर का अधिकार यात्रा से पहले ही कर दिया था। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के प्रत्याशियों के चयन में सबसे बड़ी भूमिका बिहार कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रभारी कृष्णा अल्लावरु, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश राम की होगी। लेकिन इन दोनों नेताओं से भी बड़ी भूमिका होते हुए नजर आ रही है महाराष्ट्र से कांग्रेस की सांसद परिणीता शिंदे की। राहुल गांधी बिहार चुनाव में कांग्रेस का प्रत्याशी कौन होगा इस पर सीधे अपनी नजर रखे हुए हैं। राहुल गांधी की नजर के रूप में परिणीता शिंदे हैं, जो राहुल गांधी को बताएंगी कि बिहार में कौन नेता है जो चुनाव जीत सकता है। राहुल गांधी उसी नेता के नाम पर मोहर लगाएंगे। बिहार में राहुल गांधी अन्य राज्यों की तरह टिकट की बंदर बांट शायद बिहार में नहीं होने देंगे। इसीलिए बिहार कांग्रेस में लंबे समय से कुंडली मारकर बैठे नेताओं में टिकट को लेकर बेचैनी दिखाई दे रही है। बिहार में कांग्रेस राहुल गांधी की वोटर का अधिकार यात्रा की सफलता और बिहार में भाजपा के बंद की असफलता को लेकर गदगद है।
मगर सवाल यह है कि मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा इस पर राहुल गांधी की खामोशी किस नेता का इंतजार कर रही है यह सस्पेंस अभी बना हुआ है। यदि बिहार में कांग्रेस के प्रत्याशियों का चयन परिणीता शिंदे की देखरेख में हुआ और प्रत्याशियों की लिस्ट परिणीता शिंदे ने राहुल गांधी के हाथ में सोपी तो बिहार में कांग्रेस प्रत्याशियों के नाम सुनकर न केवल बिहार कांग्रेस के स्वयंभू नेता ही चोकेंगे बल्कि तेजस्वी यादव भी चौंक जाएंगे। जब चुनाव आयोग ने एस आई आर की घोषणा की थी और तेजस्वी यादव महागठबंधन के टिकटों को लेकर असमंजस की स्थिति में थे तब मैंने लिखा था कि महा गठबंधन को टिकट शेयरिंग से ज्यादा ध्यान मतदाता सूचियों पर देना होगा। यह ध्यान रखना होगा कि महागठबंधन जिन नेताओं को चुनाव मैदान में उतारे उनके नाम मतदाता सूची में है भी या नहीं। महागठबंधन को प्रत्याशियों की घोषणा प्रत्याशियों के नाम मतदाता सूची में है या नहीं यह भी देखकर करना होगा।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)

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