
राहुल गांधी की जगह गौरव गोगोई को देख सत्ता पक्ष के सांसद हतप्रभ रह गए और सवाल खड़ा करने लगे क्योंकि वे राहुल गांधी संसद में बोलेंगे यह इंतजार कर रहे थे। कांग्रेस के रणनीतिकारों ने तू डाल डाल में पात पात की कहावत को चरितार्थ करते हुए, सत्ता पक्ष भाजपा के रणनीतिकारों की रणनीति को धराशायी कर दिया। अब सवाल उठता है कि क्या राहुल गांधी मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर बोलेंगे।
-देवेंद्र यादव-

8 अगस्त मंगलवार के दिन देश की नजर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पर थी, कि संसद की सदस्यता की बहाली के बाद, मानसून सत्र में राहुल गांधी मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर देश में चल रहे ज्वलंत मुद्दों पर केंद्र की भाजपा सरकार को जबरदस्त घेरेंगे। खासकर मणिपुर मामले पर राहुल के ज्यादा मुखर होने की उम्मीद थी क्योंकि राहुल गांधी ने मणिपुर के हालात मणिपुर जाकर अपनी आंखों से देखे थे। इसलिए सबकी नजर राहुल गांधी पर थी, क्योंकि 8 अगस्त को संसद में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होने से चंद घंटों पहले ही राहुल गांधी की संसद की सदस्यता बहाल हुई थी। राहुल गांधी संसद में पहुंचे तब सभी उम्मीद लगाए बैठे थे कि राहुल गांधी अविश्वास प्रस्ताव पर सबसे पहले अपनी बात रखेंगे और सरकार को घेरेंगे। मगर ऐसा नहीं हुआ। अविश्वास प्रस्ताव पर असम से अपने युवा सांसद गौरव गोगोई को कांग्रेस ने बोलने के लिए उतारा। राहुल गांधी की जगह गौरव गोगोई को देख सत्ता पक्ष के सांसद हतप्रभ रह गए और सवाल खड़ा करने लगे क्योंकि वे राहुल गांधी संसद में बोलेंगे यह इंतजार कर रहे थे।
कांग्रेस के रणनीतिकारों ने तू डाल डाल में पात पात की कहावत को चरितार्थ करते हुए, सत्ता पक्ष भाजपा के रणनीतिकारों की रणनीति को धराशायी कर दिया। अब सवाल उठता है कि क्या राहुल गांधी मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर बोलेंगे।

शायद, राहुल गांधी मोदी सरकार को आदिवासियों की समस्याओं को लेकर पहले 9 अगस्त को सड़क पर बोलेंगे उसके बाद 10 अगस्त को संसद में बोलेंगे।
9 अगस्त बुधवार को राजस्थान के बांगड़ क्षेत्र के बांसवाड़ा में राहुल गांधी आदिवासी दिवस के दिन आदिवासियों की एक विशाल रैली को संबोधित करेंगे।
राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा में आदिवासियों की समस्याओं को सुना और समझा था और उन्होंने कहा था कि आदिवासी वनवासी नहीं है बल्कि यह भारतवासी हैं। भारत छोड़ो यात्रा के बाद राहुल गांधी राजस्थान के बांसवाड़ा में आदिवासियों की विशाल रैली को संबोधित करेंगे, इस रैली पर सब की नजर है क्योंकि इस रैली के एक दिन बाद संभवतः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 अगस्त को संसद के भीतर के विश्वास प्रस्ताव पर बोलेंगे और कयास यह लगाया जा रहा है कि राहुल गांधी भी 10 अगस्त को संसद के भीतर अपनी बात रखेंगे। सवाल यह है कि क्या राहुल गांधी मणिपुर को लेकर बांसवाड़ा की आदिवासियों की जनसभा में भी बोलेंगे और क्या राहुल गांधी झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर ईडी की कार्रवाई को लेकर भी कुछ बोलेंगे क्योंकि हेमंत सोरेन आदिवासी नेता है। यह सवाल इसलिए बड़ा हो जाता है क्योंकि सत्ता पक्ष भाजपा के नेता अक्सर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ओबीसी का नेता बताकर उनका बचाव करते हैं और विपक्ष को घेरते हैं।
कुल मिलाकर देश की नजर राहुल गांधी पर है कि 9 अगस्त को वह सड़क पर बोलने के बाद 10 अगस्त को संसद में बोलते हैं या नहीं ? वैसे 9 अगस्त को राहुल गांधी की संसद में खामोशी ने देश की राजनीति में खलबली तो मचा ही रखी है।
देवेंद्र यादव, कोटा राजस्थान
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)

















