-देवेंद्र यादव-

कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 में 99 सीट और इंडिया गठबंधन ने 234 सीट जीतकर, उन लोगों के मुंह पर ताले लगा दिए, जो 2014 के बाद से यह कह रहे थे कि विपक्ष कहां है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विकल्प कौन है?
राहुल गांधी और उनकी पार्टी कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में 99 सीट जीतकर संसद में विपक्ष का नेता बनाकर बता दिया कि विपक्ष सड़क और संसद में मौजूद है और मोदी का विकल्प राहुल गांधी हैं।
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती आधुनिक युग और नए भारत में इस ऐतिहासिक कहावत को कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने सत्य साबित करके बता दिया।
राजनीतिक गलियारों और मुख्य धारा के मीडिया के निशाने पर एक दशक से राहुल गांधी थे, जिन्हें बात बात पर कोसा जाता था, और उनके राजनीतिक कौशल पर प्रश्न चिन्ह लगाया जाता था। कांग्रेस की हार पर राहुल गांधी की विदेश यात्राओं पर यहां तक की राहुल गांधी के खाने-पीने तक पर राजनीतिक गलियारों में और मीडिया के भीतर, प्रश्न चिन्ह लगाकर चर्चा होती थी।
राहुल गांधी सत्ता पक्ष भाजपा के नेताओं राजनीतिक पंडित और मुख्य धारा की मीडिया के नकारात्मक जाल में नहीं फंसे बल्कि वह कोशिश करते रहे और आगे बढ़ते रहे। नतीजा यह निकला की 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 99 सीट जीतकर इंडिया गठबंधन ने राहुल गांधी को सर्वसम्मति से लोकसभा में विपक्ष का प्रमुख नेता बनाया।
राहुल गांधी ने 10 वर्षों में यह भी साबित किया कि वह जनता के बीच लोकप्रिय अपनी खानदानी राजनीतिक विरासत के कारण नहीं है बल्कि वह स्वयं की मेहनत के कारण जनता के बीच लोकप्रिय नेता के रूप में हैं। राहुल गांधी ने अपने आलोचकों को यह भारत जोड़ो यात्रा और भारत जोड़ो न्याय यात्रा करके बताया और अपनी दोनों यात्राओं के बाद 18वीं लोकसभा चुनाव में 99 सीट जीतकर धमाकेदार एंट्री की। तभी कांग्रेस और इंडिया गठबंधन ने राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्षी दल का नेता चुना।
राहुल गांधी के आलोचक अब यह भी कह सकते हैं कि कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में 99 सीट ही तो मिली है कांग्रेस की सरकार तो नहीं बनी इसका जवाब यह है कि जिस पार्टी ने लोकसभा चुनाव में 240 सीट जीतकर बैसाखी से सरकार बनाई, उसी पार्टी के नेता नरेंद्र मोदी थे जो अपने आप को सब पर भारी बताते थे जिनके पास 10 साल केंद्र की सत्ता थी जिनके पास सभी संसाधन थे। जबकि कांग्रेस के पास क्या था मीडिया, पैसा नहीं था सरकारी संस्थाएं नहीं थी। कांग्रेस के पास सिर्फ संविधान था। गरीब बेरोजगार दलित आदिवासी और पिछड़ी जाति और मुसलमान थे किसान थे मजदूर थे और उनके साथ खड़े हुए राहुल गांधी थे। राहुल गांधी ने मृत पड़ी कांग्रेस को जीवित किया और लगातार दो बार लोकसभा चुनाव हारने के बाद कुंठित और निराश होकर अपने घरों में बैठे उन तमाम कांग्रेस कार्यकर्ताओं को कांग्रेस के बब्बर शेर बताकर जगाया, और 2024 के लोकसभा चुनाव में मजबूती के साथ जीतकर संसद में एंट्री की।
लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं