
चार मंजिला खेल हाॅस्टल में साठ कमरे बनाए गए हैं जिसमें एक समय में 304 खिलाड़ी ठहर सकते हैं। विशाल डाइनिंग हाॅल बनाया गया है। वार्डन और सिक्योरिटी गार्ड के लिए भी अलग से कमरे बनाए गए हैं। यह स्थान कोटा शहर का हृदय स्थल है। महाराव उम्मेदसिंह स्टेडियम, जेके पेवेलियन, जेके बैडमिंटन हाल, नवनिर्मित खेल संकुल और कई सारे काॅलेज और स्कूल यहां हैं। यहां पर राज्यस्तर की कई खेल प्रतियोगिताएं होती रहती हैं लेकिन खिलाड़ियों के ठहरने की व्यवस्था नहीं थी।
-धीरेन्द्र राहुल-

कोटा के महाराव उम्मेदसिंह स्टेडियम के परिसर में, जेल के ठीक सामने निर्माणाधीन खेल हाॅस्टल का काम आगामी दिसम्बर में पूरा होने वाला है। अगले साल जनवरी 2025 में इसका लोकार्पण हो सकता है।
यह काम भी पिछली सरकार का है।
अशोक गहलोत ने राज्य के अंतिम बजट भाषण में कोटा में खेल हाॅस्टल के लिए 14 करोड़ रूपए की घोषणा की थी। इसके निर्माण का काम राजस्थान राज्य सड़क विकास निगम को सौंपा गया था। ठेकेदार सलीम भाई की कंस्ट्रक्शन कंपनी इसका काम पूरा कर रही है। पिछले साल नवम्बर में काम स्टार्ट हुआ था।
इस चार मंजिला खेल हाॅस्टल में साठ कमरे बनाए गए हैं जिसमें एक समय में 304 खिलाड़ी ठहर सकते हैं। विशाल डाइनिंग हाॅल बनाया गया है। वार्डन और सिक्योरिटी गार्ड के लिए भी अलग से कमरे बनाए गए हैं।
यह स्थान कोटा शहर का हृदय स्थल है। महाराव उम्मेदसिंह स्टेडियम, जेके पेवेलियन, जेके बैडमिंटन हाल, नवनिर्मित खेल संकुल और कई सारे काॅलेज और स्कूल यहां हैं। यहां पर राज्यस्तर की कई खेल प्रतियोगिताएं होती रहती हैं लेकिन खिलाड़ियों के ठहरने की व्यवस्था नहीं थी।
खिलाड़ियों को होटलों और धर्मशालाओं में ठहरना पड़ता था। एक बार यहां कोटा बार एसोसिएशन की खेल प्रतियोगिता हुई तो सांगोद से आए वकील खिलाड़ियों को प्रतिदिन अपडाऊन करना पड़ा क्योंकि यहां ठहरने की व्यवस्था नहीं थी।
एक बार मूकबधिरों की राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिता हुई तो उसके खिलाड़ियों को भी बाहर ही ठहरना पड़ा था।
इन दोनों प्रतियोगिताओं की रिपोर्टिंग मैंने की थी। उसमें हाॅस्टल के अभाव को लेकर अलग से खबरें बनाई थी। ‘जननायक’ में छपी उन खबरों को शायद ही फैसला करने वाले किसी नेता ने पढ़ा हो लेकिन संतोष इस बात का है कि हम जो सोच रहे थे, वह मूर्त रूप में हमारे सामने हैं।
मेरा नई सरकार के भय्यनों से यहीं सवाल है कि आप लोग काम कब शुरू करेंगे?
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं।)
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