उपेंद्र कुशवाहा ने जेडीयू से नाता तोडा, किया नई पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल की घोषणा

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नई पार्टी की घोषणा करते उपेंद्र कुशवाहा। फोटो सोशल मीडिया

पटना। जनता दल (युनाइटेड) के असंतुष्ट नेता और सीएम नीतीश कुमार से लगातार टकराव का रास्ता अपनाए उपेंद्र कुशवाहा ने जैसी उम्मीद की जा रही थी उसी के अनुरुप सोमवार को पार्टी छोड़ने की घोषणा कर दी। उन्होंने एक नई पार्टी – राष्ट्रीय लोक जनता दल शुरू करने की घोषणा की। कुशवाहा को नवगठित पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष नामित किया गया है, जो समाजवादी नेता दिवंगत कर्पूरी ठाकुर की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाएगी।

जद (यू) के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष कुशवाहा द्वारा बुलाई गई दो दिवसीय जद (यू) कार्यकर्ताओं की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में कुशवाहा ने कहा कि वह बिहार विधान परिषद के चेयरमैन से मुलाकात का समय मांगेंगे ताकि विधान परिषद की अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे सकें।

कुशवाहा ने जद (यू) को कमजोर करने के लिए नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि जनता दल से अलग होने के बाद जदयू को दिवंगत कर्पूरी ठाकुर की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के एकमात्र उद्देश्य से बनाया गया था। उन्होंने दावा किया कि शुरुआत में नीतीश ने अच्छा काम किया और लालू के राजद शासन के दलदल से बिहार को उबारा। कुशवाहा ने कहा कि 2005 में राज्य के लोगों के आशीर्वाद से जब नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया गया तो नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार विकास पथ पर आगे बढ़ा। लेकिन बाद में वह एक मंडली से घिर गए और इस मंडली के इशारों पर चलने लगे।

कुशवाहा ने जोर देकर कहा, नीतीशद्वारा पार्टी के नेताओं के एक चयनित समूह के सुझावों पर निर्णय लेना शुरू करने के बाद जद (यू) कमजोर हो गया। उन्होंने आरोप लगाया कि जनता दल के विभाजन के बाद 10-12 वर्षों तक नीतीश कुमार के संघर्ष के दौरान जिन लोगों ने उनका समर्थन किया था, नीतीश ने कभी भी अपने राजनीतिक उत्तराधिकारी को नियुक्त करने की कोशिश नहीं की।

उन्होंने नीतीश पर लव-कुश, ईबीसी और दलित समुदाय के नेताओं को आगे बढ़ाने के प्रति उदासीन रवैया अपनाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वह नीतीश की पहल पर 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद जद (यू) में शामिल हो गए थे और उन्होंने अपनी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) का भी जद (यू) में विलय कर दिया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि विलय के बाद रालोसपा अस्तित्वहीन हो गई। कुशवाहा ने कहा, एक राजनेता के रूप में मैंने अपने करियर के दौरान जो कुछ भी हासिल किया था, उसे त्याग कर मैं जद (यू) में वापस आ गया था। उन्होंने कहा, मैंने एक नई पार्टी बनाने का फैसला किया, क्योंकि मुझे लगा कि नीतीश जी ने अपनी राजनीतिक पूंजी को गिरवी रख दिया है।

कुशवाहा ने कहा कि स्थिति इतनी खराब हो गई है कि नीतीश अपने गठबंधन की पार्टी (राजद) में अपने राजनीतिक उत्तराधिकारी की तलाश कर रहे हैं। उनका इशारा राजद के डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव की ओर था जिनका उन्होंने नाम नहीं लिया। उल्लेखनीय है कि नीतीश ने पहले घोषणा की थी कि महागठबंधन तेजस्वी प्रसाद यादव के नेतृत्व में 2024 का विधानसभा चुनाव लड़ेगा।

भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के साथ फिर से जुड़ने के मुद्दे पर, कुशवाहा ने टिप्पणी की कि मैंनेे अपने बड़े भाई, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कुछ सबक सीखे हैं। जिन्होंने राजद के साथ मतभेदों का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था फिर भाजपा के सहयोग से नई सरकार बना ली थी। हाल ही में, कुशवाहा ने जद (यू) की मौजूदा स्थिति पर चर्चा करने के लिए कार्यकर्ताओं को मिलने के लिए आमंत्रित करने के लिए एक खुला पत्र लिखा था। उन्होंने पत्र में आरोप लगाया कि आंतरिक कारणों से पार्टी कमजोर हो रही है।

इससे पहले, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कुशवाहा के आरोपों का जवाब देते हुए कहा था कि “मैंने कुशवाहा को विधायक बनाकर प्रचारित किया, लेकिन उन्होंने पार्टी छोड़ दी। जब वह फिर से पार्टी में शामिल हुए तो मैंने उन्हें राज्यसभा का सदस्य बनाया लेकिन उन्होंने फिर पार्टी छोड़ दी। अब वह तीसरी बार पार्टी में लौटे हैं लेकिन पिछले दो महीने में पता नहीं क्या हो गया। मैं उनसे बात करने के लिए कह रहा हूं लेकिन वह ऐसा नहीं कर रहे है, जिसकी वजह वही जानते हैं।”

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