-कृष्ण बलदेव हाडा-

झालरापाटन। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पूरी तरह से गैर राजनीतिक है और इसका कोई भी राजनीतिक उद्देश्य नहीं है। यह एक बड़े मकसद भारत को जोड़ने के लिए शुरू की गई है जिसे बीते सालों में केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के आसीन होने के बाद अलग-अलग सामाजिक-धार्मिक मुद्दों पर अपने निहित स्वार्थ के लिये लोगों को बांटने की कोशिश की जा रही है।
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल श्री जयराम रमेश ने आज रास्ते में विश्राम के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि अकसर यह सवाल उठाया जाता है कि श्री गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजनीतिक लक्ष्य को लेकर शुरू की गई है तो यहां बता दें कि यदि ऐसा होता तो इसे गुजरात जैसे राज्य से होकर गुजर जाता है जहां हाल ही में विधानसभा के चुनाव हुए हैं लेकिन चूंकि यह पूरी तरह से गैर राजनीतिक यात्रा है, इसलिए ऐसी कोई कोशिश नहीं की गई।
श्री जयराम रमेश ने कहा कि कन्याकुमारी से भारत जोड़ो यात्रा शुरू करते समय ही यह तय कर लिया गया था कि यह यात्रा पूरी तरह से गैर-राजनीतिक होगी और इसका राजनीतिक लाभ उठाने की कोई कोशिश नहीं हो। मकसद केवल भारत जोड़ना है और इसी मकसद को ध्यान में रखकर अब तक यह यात्रा अपने गंतव्य की ओर बढ़ रही है। भारत जोड़ो यात्रा मकसद चुनाव के लिए फायदा लेना नहीं हैं। इसका केवल मकसद देश में बनाये गये दूषित माहौल के चलते जो खतरा नजर आ रहे है, उससे मुकाबला करना हैं और इसके लिए यह यात्रा निकाली जा रही है।
श्री रमेश ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीयत और नीति देश को तोड़ने वाली बताते हुए कहा है कि देश आज ऐसे मोड़ पर खड़ा है जहां आर्थिक विषमता, सामाजिक ध्रुवीकरण और राजनीतिक तानाशाही जो देश के लिए खतरा है और ये प्रयास देश को तोड़ने वाले साबित हो सकते हैं। ऐसे हालात में इस यात्रा का महत्व और भी बढ़ जाता है और जिस तरह से यात्रा के स्वागत के लिए अब तक देश भर में जहां-जहां से यात्रा गुजरी है,वहां जिस पूरे उत्साह के साथ इसमें लोग शामिल हुये है,उसे देखते हुए यह यात्रा अपने लक्ष्य प्राप्त करने की ओर बढ़ती नजर आ रही है। हालांकि अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
श्री रमेश ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा चुनाव जीताऊ यात्रा नहीं है। हालांकि इसका राजनीतिक लाभ मिल सकता। यह यात्रा तो इसलिए निकाली गई है क्योंकि देश के प्रधानमंत्री की नीति और नियति में खोट हैजिनके चलते देश आर्थिक विषमताओं की ओर बढ़ रहा है और देश के टूटने का खतरा बना है क्योंकि देश का सांप्रदायिक मकसद के लिए ध्रुवीकरण किया जा रहा है। समाज को धर्म, जाति,भाषा के नाम पर बांटने की कोशिश की जा रही है जो अन्तत: देश के लिए तोड़ने वाला ही साबित होगा। इसके अलावा सबसे महत्वपूर्ण यह है कि देश में राजनीतिक तानाशाही का खतरा बढ़ रहा है। एक ही व्यक्ति के ऊपर निर्भरता को बढ़ाने की कोशिश की जा रही है और इस कोशिश में संवैधानिक ढांचे की क्षमताओं और मजबूती पर भारी कुठाराघात किया जा रहा है जो लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए बड़ा खतरा है।
प्रत्येक राजनेता अथवा राजनीतिक दल आम जनता के बीच केवल राजनीतिक लाभ के लिए जाते हैं.राजनीतिक दल का मतलब ही सत्ता की सीढ़ियां में चढ़ना का प्रयास .भारत जोड़ो यात्रा भी इसी का प्रतीक है