राहुल गांधी के भाजपा और आरएसएस पर बयान से बवाल, भाजपा नेताओं ने सवालों से घेरा

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नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के कांग्रेस मुख्यालय के उद्घाटन अवसर पर दिए भाषण को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने कडी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस पार्टी न केवल भाजपा और आरएसएस के खिलाफ बल्कि वह “भारतीय राज्य” के खिलाफ भी एक “सभ्यतागत युद्ध” लड़ रही है। इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस का घिनौना सच अब सामने आ गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सवाल किया कि अगर राहुल गांधी मानते हैं कि विपक्ष राज्य के खिलाफ है तो वे संविधान की प्रति क्यों लेकर चलते हैं। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सुझाव दिया है कि राहुल गांधी को अपनी मानसिक स्थिरता की जांच करवानी चाहिए। इस बीच कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने यह कहकर राहुल गांधी का बचाव किया कि राहुल के बयान को गलत ढंग से पेश किया जा रहा है। उनके बयान को समग्रता से देखना चाहिए। उनका कहना था कि सभी संस्थाओं पर आरएसएस से जुडे लोगों का कब्जा हो गया है और न्याय नहीं मिल पा रहा है।

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने नई दिल्ली में कांग्रेस के नए पार्टी मुख्यालय “इंदिरा भवन” के उद्घाटन के मौके पर कांग्रेस की वैचारिक लड़ाई पर अपना रुख स्पष्ट किया।

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राहुल गांधी ने सत्तारूढ़ पार्टी और उसके मातृ संगठन आरएसएस की तीखी आलोचना की। विशेष रूप से सरसंघचालक मोहन भागवत के मंगलवार को इंदौर में एक कार्यक्रम में दिए गए बयान पर कि भारत को “सच्ची स्वतंत्रता” 22 जनवरी, 2024 को राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा के दिन मिली। भागवत के बयान को राहुल ने राजद्रोह करार दिया और कहा कि इसके लिए उन्हें गिरफ्तार कर मुकदमे का सामना करना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि अब समय आ गया है कि हम इन लोगों की बेतुकी बातों को सुनना बंद करें, जो वे लगातार दोहराते और चिल्लाते रहते हैं।

राहुल गांधी ने कहा, “मोहन भागवत में यह दुस्साहस है कि वह हर दो-तीन दिन में देश को बताएं कि स्वतंत्रता संग्राम के बारे में उनका क्या विचार है, संविधान के बारे में उनका क्या विचार है। वास्तव में, उन्होंने कल जो कहा वह राजद्रोह है, क्योंकि यह कहता है कि संविधान अमान्य है। यह कहता है कि ब्रिटिश शासन के खिलाफ पूरी लड़ाई अमान्य है, और उन्होंने यह बात सार्वजनिक रूप से कहने का दुस्साहस किया। किसी अन्य देश में उन्हें गिरफ्तार कर मुकदमे का सामना करना पड़ता। यह सच्चाई है। 1947 में भारत को स्वतंत्रता नहीं मिलने की बात कहना हर भारतीय का अपमान है।

उन्होंने कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को यह भी चेताया कि यह केवल भाजपा या आरएसएस जैसे राजनीतिक संगठन से लड़ाई नहीं है। उन्होंने कहा कि जो लोग ऐसा सोचते हैं, वे देश में वर्तमान स्थिति की सच्चाई को समझने में विफल हैं।

राहुल गांधी ने कहा, “यह मत सोचिए कि हम कोई निष्पक्ष लड़ाई लड़ रहे हैं। इसमें कोई निष्पक्षता नहीं है। भाजपा और आरएसएस ने हमारे देश की हर एक संस्था पर कब्जा कर लिया है। अब हम भाजपा, आरएसएस और भारतीय राज्य से लड़ रहे हैं।

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