
मेरा सपना… 6
-पेरिस के वर्सेल्स पैलेस की भव्यता ने मन मोहा
-शैलेश पाण्डेय-
पेरिस के वर्सेल्स पैलेस में प्रवेश तो हमने इस महल के आकार के मुकाबले छोटे द्वार से किया। लेकिन अंदर घुसते ही घुमावदार संगमरमर की सीढियां और आदमकम प्रतिमाएं देखकर चौंक गए। हम वहां रूके हुए थे कि टूर गाइड कैथरीन की ईयरफोन पर आवाज सुनाई दी जल्दी आगे बढ़ो अभी देखने को बहुत कुछ है। हम सीढ़ियों से चढ़ कर मुख्य महल में पहुंचे और इसी के साथ हर कक्ष में ऐसी नायाब और दुर्लभ वस्तुएं और दीवारों की पेंटिंग देखने को मिलने लगीं। उनका रखरखाव किसी चमत्कार से कम नहीं था। जब लगता कि इससे बेहतरीन और कुछ नहीं हो सकता तभी अगले कक्ष में उससे भी ज्यादा चौंकाने वाली फ्रेंच विरासत देखने को मिल जाती।

मजा तो तब आया जब कैथरीन ने फ्रांस के राजाओं और उनके शासनकाल के बारे में बताना शुरू किया। जब कैथरीन बता रही थी तब किशोरावस्था में जो आर्ट्स सब्जेक्ट में इतिहास लेते थे उनको लेकर किए जाने वाले मजाक याद आने लगे। इसमें प्रेमचंद की कहानी बड़े भाई साहब का संवाद भी शामिल है। जिसमें बड़ा भाई इतिहास याद करने की समस्या बताता है। यहाँ सभी राजाओं के नाम लुई। केवल नाम के बाद उसका क्रम यानी 14 और 15 तक। जैसे इंग्लैण्ड में कई राजा जार्ज हुए। जैसे जार्ज पंचम। यह नाम इसलिए याद है क्योंकि जार्ज पंचम का चांदी का सिक्का सबसे शुद्ध माना जाता था और दिवाली पर पूजन के लिए इसे ही खरीदा जाता था। भले ही इस पर जार्ज पंचम की तस्वीर ही क्यों न अंकित हो। इतने लुई नाम के राजाओं के बारे में सुनकर किशोरावस्था में सुने मजाक हकीकत नजर आने लगे कि विद्यार्थी कैसे याद करते होंगे। हमारे यहां ऐसा चक्कर नहीं रहा। चन्द्रगुप्त मौर्य रहे या समुद्रगुप्त अथवा सम्राट अशोक। नाम को लेकर कभी प्रथम द्वितीय नहीं करना पड़ा ।
रानी और राजा के भव्य शयनकक्ष।
कैथरीन अपने काम के प्रति बहुत सजग और ईमानदार थीं। कोई उनकी बात को ध्यान से सुन रहा या नहीं लेकिन वह एक-एक बात को बहुत बारीकी और विस्तार से बता रही थीं। साथ ही यह भी सुनिश्चित कर रही थीं कि पर्यटकों की भीड़ में उनकी टीम का कोई सदस्य बिछड़ नहीं जाए। राजाओं की विशालकाय पेंटिंग, कलाकृतियां, स्टेच्यू इत्यादी फ्रांस की कला के क्षेत्र में धाक का सबूत थीं।


एक कक्ष में चार घुडसवारों की विशालकाय धातु की प्रतिमांए एक प्लेटफार्म पर प्रदर्शित की गई थीं। कैथरीन ने बताया कि यूरोप में जर्मनी, फ्रांस, इटली और ब्रिटेन सबसे शक्तिशाली राष्ट्र रहे। फ्रांस की युद्ध में सफलता में विशेषकर नेपोलियन बोनापार्ट के दौर में घुडसवार सेना का बहुत महत्व था। बानोपार्ट के पास तो तीन हजार घुडसवारों का विशेष दस्ता था। ये युद्ध कौशल में इतने निपुण थे कि किसी भी युद्ध का परिणाम बदल देते थे।

जब भी वह फ्रांस की किसी अच्छी बात बताती तो उनके चेहरे पर गर्व के भाव होते। उन्होंने राजा लुई का शयन कक्ष दिखाया और फिर कहा कि इस बिस्तर को ध्यान से देखना। फिर वह रानी के कक्ष में ले गईं और वहां का बिस्तर देखने और दोनों का अंतर बताने को कहा। राजा का बिस्तर का आकार हमारे सिंगल बेड के समान लेकिन बहुत भव्य था लेकिन रानी का बिस्तर डबल बैड के समान था। उन्होंने बताया कि राजशाही के समय से ही फ्रांस में महिलाओं को बहुत स्वतंत्रता थी। इस बिस्तर से पता चलता है कि रानी कभी राजा के बैडरूम में नहीं जाती थी। राजा को ही उसके पास आना पड़ता था। उन्होंने बहुत रोचक जानकारियां दीं लेकिन जो कुछ भी हम देख रहे थे वह ज्यादा आकर्षक और चौंकाने वाला था।

जिन कक्ष से हम गुजर रहे थे उसके पीछे की तरफ विशाल और बहुत ही आकर्षक गार्डन था। यदि आपने राष्ट्रपति भवन का मुगल गार्डन (जिसका अब नाम बदल दिया गया है) या ऐसा ही कुछ देखा है तो वर्सेल्स पैलेस के गार्डन की भव्यता देख उसे भूल जाएंगे। क्योंकि हमारे पास इतना समय नहीं था इसलिए हम गार्डन में नहीं गए। हालाँकि कई टीम साथियों ने काफी इसरार किया लेकिन टूर मैनेजर राहुल अपने निर्णय पर अडिग रहे क्योंकि हमारे लिए सीन नदी में बोटिंग ज्यादा जरूरी थी. वैसे भी हम अपने तय समय से पिछड़ रहे थे.