
-दिल्ली में महाविकास आघाड़ी नेताओं से मिलने पहुंचे उद्धव ठाकरे
-द ओपिनियन डेस्क-
महाराष्ट्र में इस साल अक्टूबर-नवंबर तक विधानसभा चुनाव होने हैं और उसके लिए सियासी घमासान अभी से शुरू हो गया है। महाराष्ट्र में दो मुख्य राजनीतिक मोर्चे हैं -सत्तारूढ महायुति और विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी (एमवीए) और इन दोनों के बीच ही चुनावी संघर्ष होना है। हाल ही हुए लोकसभा चुनाव में एमवीए ने शानदार प्रदर्शन किया था जिससे इसमें शामिल कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूबीटी और शरद पवार नीत एनसीपी (एसपी) तीनों का आत्मविश्वास बढ़ा हुआ है और तीनों ही मुख्यमंत्री पद की दावेदार खुद का मानती हैं। इसी बात को लेकर तीनों में अंदर-अंदर ही खींचतान चल रही है। इसी खींचतान के बीच उद्धव ठाकरे मंगलवार शाम तीन दिन के दौरे पर दिल्ली पहुंचे। जहां उनकी विपक्षी गठबंधन इंडिया के नेताओं से मुलाकात का कार्यक्रम है। मुलाकात की इस सूची में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खऱगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और एनसीपी (एसपी) अध्यक्ष शरद पवार के नाम प्रमुख हैं। चर्चा महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों पर ही होनी है। एमवीए में शामिल तीनों दलों के बीच खींचतान राज्य विधानसभा की 283 सीटों में से कौनसी पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी और क्या सीएम फेस के साथ चुनाव मैदान में उतारा जाए या नहीं। चर्चा यही है कि उद्धव ठाकरे चाहते हैं कि उन्हें एमवीए का सीएम फेस बनाकर चुनाव लड़ा जाए। लेकिन फिलहाल इस पर न कांग्रेस राजी है और ना ही एनसीपी (एसपी) अध्यक्ष शरद पवार सहमत हैं। उद्धव ठाकरे कांग्रेस नेतृत्व और शरद पवार को इसी बात पर राजी करना चाहते हैं कि उन्हें सीएम फेस बनाकर चुनाव मैदान में उतरा जाए। अब देखना है कि जब ये नेता आमने -सामने बैठेंगे तो इस गुत्थी को कैसे सुलझाते हैं। उद्धव ठाकरे भाजपा नेता व डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस को पहले ही सियासी चुनौती दे चुके हैं कि या तो वे रहेंगे या वह। और उनकी इस टिप्पणी को लेकर भाजपा भी उनके प्रति आक्रामक हो गई है और उन पर सियासी प्रहार भी किया है। पर क्या ठाकरे एमवीए का सीएम फेस बनकर चुनाव मैदान में उतर सकेंगे और क्या वे अन्य छोटे दलों को साथ लेकर राजग को एकजुट टक्कर दे सकेंगे। यह तस्वीर उनकी खरगे, राहुल व सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद ही साफ हो सकेगी।
उद्धव ठाकरे हालांकि कांग्रेस नेतृत्व से पहले भी यह आग्रह कर चुके हैं पर अभी तक कांग्रेस इस पर राजी नहीं हुई है। कांग्रेस का प्रदेश नेतृत्व चाहता है कि एमवीए बिना किसी चेहरे के चुनाव मैदान में उतरे। अब देखना यह है कि क्या उद्धव ठाकरे कांग्रेस नेतृत्व को सीएम फेस के लिए राजी कर पाते हैं। लेकिन यह भी सच है कि यदि एमवीए नेता सीएम फेस पर उलझे रहे तो लोकसभा चुनाव में मिली बढ़त को इन विधानसभा चुनावों में गंवा भी सकते हैं। हालांकि यह खींचतान सत्तारूढ महायुति में भी चल रही है। भाजपा खुद सीएम पद की दावेदारी जता रही है? वही, मुख्यमंत्री शिंदे की पार्टी खुद शिंदे को सीएम बनाना चाहती है। खींचतान दोनों ओर ही है। लेकिन एमवीए को लोकसभा चुनाव जैसा नतीजा लाने के लिए एकजुट होकर मैदान में उतरना होगा; अन्यथा खींचतान में जीत के धागे उलझ सकते हैं।
एमवीए ने लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में 48 में से 31 सीटें जीतीं, जबकि एनडीए के नेतृत्व वाले भाजपा, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और एनसीपी (अजीत पवार) के महायुति गठबंधन ने शेष 17 सीटें जीतीं। सूत्रों के अनुसार लोकसभा चुनावों में उद्धव ठाकरे आघोषित तौर पर एमवीए का चेहरा थे । अब वे घोषित रूप से बनना चाहते है। दूसरी ओर कांग्रेस 20 अगस्त को महाराष्ट्र में एक बड़ी रैली कर अपनी ताकत दिखाना चाहती है। उस दिन राजीव गांधी की जयंती है और इस मौके पर पार्टी मुंबई में यह रैली आयोजित करेगी जिसमें कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व शामिल होगा। संभावना यह भी है कि इस रैली में शरद पवार और उद्धव ठाकरे के मौजूद रहें। तो क्या एमवीए नेता उस दिन ठाकरे के नाम की सीएम फेस के रूप में घोषणा कर देंगे, फिलहाल तो इंतजार करो और देखो वाला रवैया ही ठीक है।