
-सुनील कुमार मिश्रा-

स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ये वो नाम है जो आज के राजनैतिक माहौल मे सबसे ज्यादा चर्चित है और भविष्य में भी इस नाम को भारत के इतिहास से कोई मिटा नहीं पायेगा। क्योकि इस देश से नेहरू का नाम हटाने के लिए देश के विज्ञान और प्रौद्योगिकी, सभी औद्योगिक क्षेत्र के स्तंभ सार्वजानिक प्रतिष्ठानों, प्राथमिक शिक्षा और उच्च शिक्षा के विश्व प्रतिष्ठित संस्थानों, उच्च श्रेणी की स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने वाले सरकारी अस्पतालों और रिसर्च संस्थानों, देश के अंतिम पंक्ति मे खड़े व्यक्ति के लिये उपलब्ध सरकारी योजनाओं को बुनियाद से खोदना होगा।
जितना नेहरू जी के व्यक्तित्व के ऊपर कीचड़ उछाला गया, उसका नतीजा ये हुआ कि लोगों के अन्दर नेहरू जी को जानने की जिज्ञासा बढी और नेहरू के द्वारा या नेहरू के ऊपर लिखी हुई किताबों की सर्वाधिक मांग उठी। आज का युवा नेहरू के पूरे व्यक्तित्व, शिक्षा, पारिवारिक परिवेश और देश के स्वतंत्रता आंदोलन मे उनकी अग्रणी भूमिका के बारे मे अच्छे से जानने लगा है ।
एक प्रधानमंत्री के रूप मे नेहरू एक विशाल ह्रदय रखते थे। समर्थन और विरोध तो उनके व्यक्तित्व के गहरे तल मे साथ कदमताल करते थे। सबको समाहित करके देश को आगे ले जाने के संकल्प, विदेश नीति, बड़े उद्योग, छोटे उद्योगो के साथ कुटीर उद्योगों को देश मे स्थापित और संरक्षित करना और पंचवर्षीय योजना के माध्यम से देश को आगे ले जाने का प्रारुप तैयार करने वाले दूरदर्शी प्रयास किये। नेहरू में प्रकृति प्रदत्त गजब की दूदूरदर्शिता और चेहरे पर प्रकृति का ओज था। कहते हैं जो नेहरु जी से एक बार मिल लाता था, वह स्मरण उस व्यक्ति के आँखों मे आजीवन साक्षात रहता था।
देश आज विज्ञान के जिस भी धरातल पर खड़ा है अगर उसकी बुनियाद की तरफ झांकेंगे तो नेहरू का ही मुस्कराता चेहरा नजर आयेगा। इसीलिये जो जानते हैं वो नेहरु को आधुनिक भारत के निर्माता और युगदृष्टा कहते हैं। गाँधी जी के विचारों ने उन्हें सबसे ज्यादा प्रभावित किया। बच्चों मे आधुनिक भारत का रुप देखते थे और बहुत स्नेह करते थे, इसीलिए उनके जन्म दिवस को हम भारतवासी बाल दिवस के रुप मे मनाते हैं। ऐसी ही श्रेष्ठ हस्ती के जन्मदिन पर हम उनको सत् सत् नमन करते है..????
(लेखक राजनीतिक टिप्पणीकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)