पाकिस्तान व आतंकियों को नहीं पच रहा कश्मीर में सुधरता माहौल

शाह के कश्मीर दौरे के बीच डीजी कारागार लोहिया की हत्या आतंकियों का माहौल को बिगाडने की साजिश

dall jheel
photo courtesy pexels.com

-द ओपिनियन डेस्क-

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू कश्मीर के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। वे सोमवार शाम राज्य के दौरें पर पहुंचे। इस बीच जम्मू कश्मीर के कारागार महानिदेशक हेमंत कुमार लोहिया की हत्या कर दी गई। लोहिया की हत्या के तार पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में बैठे आतंकियों के मास्टर माइंडसे जुडे होने का संदेह है। शाह के दौरे के बीच हुई यह घटना इस बात की ओर संकेत करती है कि पाकिस्तान आतंकियों को सहायता और समर्थन देने से बाज नहीं आ रहा। वह राज्य में सामान्य होते माहौल से बौखलाया हुआ है। ज्यों ज्यों राज्यों में चुनाव की तैयारियां आगे बढ रही हैं उसकी बौखलाहट भी बढ रही है और इस तरह की वारदातों के लिए आतंककियों को उकसाकर वह माहौल को बिगाडना चाहता है , यह किसी से छिपा नही है।
शाह का यह दौरा राज्य की अगामी चुनावों को लेकर काफी अहम है। शाह ने राज्य के पहाड़ी समुदाय के लोगों के लिए अनुसूचित जाति के संवर्ग में आरक्षण दिए जाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यायाधीश शर्मा कमिशन की सिफारिशों पर काम किए जाने का आदेश दिया है और प्रक्रिया पूरी होते ही पहाड़ी समुदाय के लोगों को आरक्षण मिलने लगेगा। यह आरक्षण गुर्जर, बकरवाल और पहाड़ी समुदाय के लोगों को मिलेगा। उम्मीद है इस आरक्षण से इस प्रदेश के इन वंचित समुदायोें को लाभ मिलेगा। कश्मीर में परिसीमन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और मतदाता सूचियों को दुरूस्त करने का काम चल रहा है। हालांकि इस बीच बाहरी लोगों को नाम जोडने का आरोप लगाकर कई स्थानीय पार्टियों ने आपत्ति जताई। बाद मंे जम्मू कश्मीर प्रशासन ने इस बारे में पूरी स्थिति स्पष्ट की। लेकिन अलगाववादी तत्वों को यह बात कहां हजम होती है कि कश्मीर में चुनाव प्रक्रिया की तैयारियां की जाएं। इसलिए ये तत्व इस तरह की वारदातों को अंजाम देते हैं। फिर तीन चार दिन से आतंकी लगातार वारदात करने का प्रयास कर रहे थे। सोमवार को भी पुलिस पर हमला किया गया। इसके अलावा एक गैर स्थानीय व्यक्ति पर हमला किया गया। साफ है कि अलगाववादी तत्व माहौल को बिगाडने का प्रयास कर रहे हैं। क्योंकि अब कश्मीर में आए दिन पथराव की घटनाएं नहीं होती और राज्य में धीर धीरे निवेश बढ रहा है। राजनीतिक दल चुनाव तैयारियो को लेकर सक्रिय हो रहे हैं। गुलाम नबी आजाद की नव गठित पार्टी ने अनुच्छेद 370 को लेकर जिस तरह का स्पष्ट व साहसी रुख दिखाया है उससे लगता है वहां के लोग धीरे धीरे इस बात को समझने लगेंगे कि वास्तव में राज्य के और लोगों के हित में क्या है। कुछ लोगा अनुच्छेद 370 की आडलेकर आमजन को उनको अपने राजनीतिक सतवाथों के लिए गुमराह कर रहे थे। उम्मीद है शाह की इस नई पहल से बात आगे बऐगी और राज्य में लोकतांत्रिक प्रक्रिया से एक निर्वाचित सरकार शांति पूर्ण माहौल बनाकर लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगा।

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