पटना। बिहार के छपरा में जहरीली शराब पीने से अभी तक 31 लोगों की मौत हो चुकी है। पुलिस प्रशासन ने मढ़ौरा एसडीपीओ योगेंद्र कुमार का ट्रांस्फर कर दिया है। वहीं एसएचओ रितेश मिश्रा और पुलिस कांस्टेबल विकेश तिवारी के सस्पेंड कर दिया है। पुलिस जांच में पता चला है कि जहरीली शराब की सप्लाई मशरक के जद्दू मोड़ के पास की एक बस्ती से हुई थी। लोगों को सस्ते दाम पर केवल 20-20 रुपये में शराब वितरित की गई। पुलिस ने 40 शराब तस्करों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इस शराब के मेन सप्लायर को भी गिरफ्तार कर लिया है। वर्ष 2022 की शुरुआत से अब तक सिर्फ छपरा में 50 लोग जहरीली शराब के सेवन से अपनी जान गंवा चुके हैं। 18-19 जनवरी को मकेर और अमनौर में जहरीली शराब कांड में करीब एक दर्जन लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद अगस्त में पानापुर और मकेर-भेल्दी में 8 लोगों ने जहरीली ओशराब की वजह से दम तोड़ा।
भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री नितिन नवीन ने छपरा में जहरीली शराब से हुई मौतों पर कहा है कि जिस तरीके से मृतकों की संख्या बढ़ रही है वह दुर्भाग्यपूर्ण है। इन मौतों के लिए खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं। हम लोगों ने शराब बंदी कानून की समीक्षा करने की बात हमेशा कही, लेकिन वह हैं कि मानते नहीं। जब हम लोग सरकार में थे तब हमने भी यही बात कही थी। शराबबंदी कानून को उनके पुलिसकर्मी और अफसर ही सफल नहीं होने दे रहे हैं। गृह मंत्री के तौर पर जिम्मेदारी नीतीश कुमार की है ऐसे में अगर उनकी बात डीएम और एसपी नहीं मान रहे तो साफ है कि वो विफल हो गए हैं।
शराब कांड में मारे गए कई लोगों के परिजनों का कहना है कि उनके मरीज की मौत किसी अन्य बीमारी के कारण हुई है। हालांकि, बाद में पूछने पर एक ने बताया कि परिजन की मौत तो हो गयी है। शराब की बात सामने आएगी तो सामाजिक परेशानी के साथ ही, पुलिस का चक्कर भी लंबा लगेगा। ऐसे में हम बीमारी से बाते की बात कह रहे हैं। पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार ने बताया कि पुलिस की जांच अभी चल रही है। जहरीली शराब कांड के बाद पुलिस और प्रशासन अपनी सक्रियता बढ़ा देता है और लोगों के मुंह पर ताला लगाने के लिए बाध्य किया जाता है। गरीब लोग भी पुलिस के डर से अपना मुंह नहीं खोलते। बाद में बीमारी से मौत का हवाला देकर जहरीली शराब से पल्ला झाड़ लिया जाता है।
कच्ची शराब बनाने वाले अवैध कारोबारी लोगों की जिंदगियों से खिलवाड़ कर रहे हैं। पहले महुआ के साथ शीरे के तौर पर गुड़ का इस्तेमाल करके शराब बनाई जाती थी। मगर ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर में अवैध शराब कारोबारी यूरिया और नौशादर का इस्तेमाल करने लगे हैं। देसी शराब में अगर यूरिया की मात्रा थोड़ी भी ज्यादा हो जाए, तो वो जहर में तब्दील हो जाती है।
जो शराब पीएगा मरेगा

उधर, मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने कहा है कि शराब बुरी चीज है। बिहार की महिलाओं के कहने पर शराब बंदी लागू की थी। राज्य में शराबबंदी पूरी तरह से सफल है। शराब पीना बुरा है। जो पियेगा वो मरेगा। जो पार्टी हंगामा कर रही है, उन्हें लोगों को शराबबंदी के पक्ष में समझाना चाहिए। नीतीश ने भाजपा पर तीखा हमला करते हुए कहा कि अन्य राज्यों में जहरीली शराब से कितने लोगों की मौत होती है। राज्य में शराबबंदी के लिए कानून भी बनाया, बड़े पैमाने पर प्रचार प्रसार भी किया, लोगों को जागरुक भी किया गया. इसके बाद भी कोई पियेगा तो मरेगा ही।