भाजपा किसको सौंपेगी अपनी कमान, किसी महिला को या ओबीसी नेता को !

-द ओपिनियन डेस्क-

चार राज्यों में विधानसभा चुनावों को लेकर देश में सियासी हलचल तेज है। कांग्रेस ने एक दिन पहले मंगलवार को अहम बैठक कर इन पर मंथन कर लिया है और भारतीय जनता पार्टी दो दिन बाद 17 अगस्त को इन पर मंथन करने वाली है। भाजपा में एक और बात पर इन दिनों मंथन चल रहा है, वह है पार्टी का नया अध्यक्ष कौन होगा। 17 अगस्त को प्रस्तावित बैठक में भी इस मसले पर प्रमुखता से विचार होने की उम्मीद है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के निवास पर एक अहम बैठक हुई जिसमें पार्टी के नए अध्यक्ष के मुद्दे पर मंत्रणा हुई। इस बैठक में आरएसएस के पदाधिकारियों के मौजूद रहने की भी मीडिया रिपोर्ट हैं। यानी भाजपा व संघ दोनों के बीच ही यह मंथन चल रहा है कि पार्टी की बागड़ोर किसको सौंपी जाए। सवाल यह भी है कि क्या चार राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को नया अध्यक्ष मिल जाएगा। चर्चा इस बात पर भी हो रही है कि फिलहाल कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया जाए और फिर प्रदेश इकाइयों के संगठनात्मक चुनाव के बाद नए अध्यक्ष का चुनाव हो। चर्चा यह भी है कि पार्टी की कमान किसी महिला या ओबीसी नेता को सौंपी जाए। पार्टी लोकसभा चुनावों में लगे झटके के बाद ओबीसी वोटों के बिखराव को लेकर चिंतित है और वह इस स्थिति से विधानसभा चुनाव में बचना चाहती हैं। अनुसूचित जाति व जनजाति आरक्षण पर क्रीमीलेयर के सुप्रीम कोर्ट के सुझाव के बावजूद पार्टी उसी परम्परागत रुख पर कायम रही कि ऐसा कोई प्रावधान लागू करने की उसकी मंशा नहीं है। यह मांग इन वर्गों के सांसदों व अन्य नेताओं की है। जब वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले तो उनकी बात सुनने के बाद पीएम मोदी ने यही उनको आश्वासन दिया कि सारी व्यवस्था संविधान के अनुसार जारी रहेगी। साफ है चुनाव सामने हैं और इतने बड़े वर्ग को पार्टी नाराज भी कैसे कर सकती है। कांग्रेस तो पहले से ही इस सुझाव के विरोध में खुलकर सामने आ गई है। साफ है कि 17 अगस्त की बैठक में अध्यक्ष के चुनाव समेत इन मसलों पर भी और गहराई से मंथन होगा। मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा का आधिकारिक कार्यकाल समाप्त हो गया है। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उनके कार्यकाल को विस्तार मिला था। अब वे केंद्र में मंत्री है। पार्टी की स्थापित परम्परा के अनुसार वह एक पद पर ही रह सकते हैं। उनको केंद्र में मंत्री बनाना ही इस बात का संकेत है कि पार्टी को नया अध्यक्ष मिलने वाला है। नए अध्यक्ष के लिए एक नाम महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस का भी चर्चा में है। गत दिनों उनकी प्रधानमंत्री नरेंद मोदी से हुई मुलाकात के बाद उनके नाम की चर्चा ने जोर भी पकड़ा है। लेकिन पार्टी फडणवीस को महाराष्ट्र में सहयोगी दलों के साथ सीटों के बंटवारे व चुनावी तालमेल की पहले ही जिम्मेदारी सौंप चुकी है। इससे लगता है कि वे वहां पर होने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी का चेहरा होंगे। इसलिए लगता यही है कि पार्टी सभी चुनावी समीकरणों को ध्यान में रखकर ही नए अध्यक्ष का फैसला करेगी।

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