महाराष्ट्र में अब विभागों के बंटवारों को लेकर माथापच्ची होगी

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मुंबई। महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन के तीन प्रमुख पार्टनर में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का विवाद सुलझ जाने और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अब मंत्रिमंडल में विभागों को लेकर माथापच्ची होगी। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद से ही तीनों ही पार्टनर गृह, शहरी विकास और राजस्व के अलावा विधानसभा अध्यक्ष को लेकर अपने दावे ठोक रहे थे। निर्वतमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को किसी तरह उपमुख्यमंत्री बनने के लिए मना लिया गया लेकिन अब भाजपा के समक्ष अपने दोनों सहयोगियों के कोटे के मंत्रियों को दिए जाने वाले विभागों का बंटवारा नई चुनौती होगी। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उनके दो उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने शनिवार को पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों और बॉलीवुड और उद्योग जगत की हस्तियों की उपस्थिति में शपथ ली, लेकिन सभी की निगाहें नई महायुति सरकार में विभागों के आवंटन और सत्ता साझेदारी के फॉर्मूले पर टिकी हैं। पहले चरण में 15 से 20 मंत्री मंत्री पद की शपथ लेंगे और बाद में बाकी मंत्री शपथ लेंगे।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि उन्होंने गठबंधन सहयोगियों के बीच विभागों के आवंटन लगभग तय कर लिया है, लेकिन इसकी घोषणा करने से पहले एक और दौर के विचार-विमर्श की जरूरत है। हम तीनों (देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार और एकनाथ शिंदे) सरकार के पिछले 2.5 वर्षों में पहले एक साथ थे और अब केवल भूमिका में बदलाव हुआ है, लेकिन महाराष्ट्र के लिए हमारा टीम वर्क जारी रहेगा। इससे पहले उन्होंने सीएम पद को एक तकनीकी व्यवस्था बताया था, इसलिए उनके बीच कोई मतभेद नहीं है।

भाजपा महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में 132 सीटों के साथ सबसे बडी पार्टी बनकर उभरी है। महाराष्ट्र में कुल 43 मंत्री बनाए जा सकते हैं। तीनों गुटों में हुई चर्चा के अनुसार कुल 43 विभागों में से 24 भाजपा के पास रहेंगे, जबकि 10 शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को दिए जाएंगे। शिंदे की शिवसेना के 57 विधायक हैं। अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को नौ विभाग दिए जाएंगे। पवार गुट के 41 विधायक हैं।
बताया जाता है कि चूंकि एनसीपी को वित्त विभाग मिलेगा, इसलिए राज्य मंत्री (वित्त) भाजपा से होंगा। गठबंधन सहयोगियों में हर कोई महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो मांग रहा है। शिंदे आखिरी समय तक उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए तैयार नहीं थे। वह भाजपा से इस बात की पुष्टि चाहते थे कि उनकी पार्टी को गृह, राजस्व और शहरी विकास मंत्रालय दिए जाएंगे। अजित पवार ने पिछली महायुति सरकार में अपनी पार्टी के पास रहे विभागों – वित्त, कृषि, सहकारिता आदि को वापस मांगा है।

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