राजस्थान के विद्युत तंत्र के सुदृढ़ीकरण एवं कोयला खनन में केन्द्र से मिलेगा पूर्ण सहयोग

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ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर केन्द्रीय विद्युत मंत्री मनोहर लाल से मुलाकात करते हुए। फोटो डीआईपीआर

-केन्द्रीय विद्युत एवं कोयला मंत्री से मिले ऊर्जा मंत्री

जयपुर। ऊर्जा मंत्री श्री हीरालाल नागर ने शुक्रवार को दिल्ली में केन्द्रीय विद्युत मंत्री श्री मनोहर लाल तथा केन्द्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी से मुलाकात की। इस दौरान श्री नागर ने दोनों केन्द्रीय मंत्रियों के समक्ष प्रदेश में बिजली एवं कोयले की आपूर्ति में सुधार से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता से रखा। इस पर केन्द्रीय मंत्रियों ने पूर्ण सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया।
केंद्रीय विद्युत मंत्री से संसद भवन स्थित कक्ष में हुई मुलाकात के दौरान प्रदेश में विद्युत तंत्र के सुदृढ़ीकरण, नए 33/11केवी जीएसएस निर्माण, फीडर सेपरेशन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ताओं को बिजली की बेहतर आपूर्ति सहित अन्य विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई। केन्द्रीय बिजली मंत्री ने श्री नागर को आश्वस्त किया कि राजस्थान के विद्युत तंत्र के सुदृढ़ीकरण के लिए आरडीएसएस योजना के माध्यम से जो प्रस्ताव राजस्थान सरकार की ओर से आएंगे उन्हें सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ स्वीकृति प्रदान की जाएगी।

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ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर केन्द्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी से चर्चा करते हुए। फोटो डीआईपीआर

उल्लेखनीय है कि केन्द्र एवं राज्य की 60 अनुपात 40 की वित्तीय भागीदारी से यह योजना संचालित होती है। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि राजस्थान की ओर से इस योजना में 10 हजार करोड़ रूपयों के कार्यों के प्रस्ताव मंजूरी के लिए भिजवाए जाने हैं। श्री नागर ने केन्द्रीय विद्युत मंत्री को राजस्थान के प्रवास पर आने के लिए आमंत्रित किया। श्री मनोहर लाल ने कहा कि वे बजट सत्र के बाद इस संबंध में केन्द्रीय अधिकारियों से चर्चा कर राजस्थान के दौरे की रूपरेखा तैयार करेंगे।
शास्त्री भवन में कोयला मंत्री श्री रेड्डी से हुई मुलाकात के दौरान श्री नागर ने उन्हें कोयले की आपूर्ति एवम इसके खनन से संबंधित प्रदेश हित से जुड़े मुद्दों से अवगत कराया। उन्होंने श्री रेड्डी को बताया कि राजस्थान को आवंटित कैप्टिव माइंस हस्तांतरित हो जाती है तो कोयले की कोई कमी नहीं रहेगी तथा कोल इंडिया एवं अन्य स्रोतों से कोयले की खरीद पर होने वाले 40 प्रतिशत के अतिरिक्त वित्तीय भार का बोझ नहीं उठाना पड़ेगा। इसका लाभ प्रदेश के बिजली तंत्र एवं उपभोक्ताओं को होगा। श्री रेड्डी ने इस संबंध में केंद्र सरकार के स्तर पर हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाया।

(समाचार सौजन्य डीआईपीआर)

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