
-ग्राम स्वराज पर राष्ट्रीय किसान समन्वय समूह की मंथन बैठक कोटा में शुरू
-कोटा। राष्ट्रीय किसान समन्वय समूह की तीन दिवसीय चिंतन बैठक में किसान प्रतिनिधियों ने कहा कि ग्राम स्वराज पंचायती राज व्यवस्था में गांधीजी की विचारधारा के प्रतिकूल चल रहा है अतः केंद्र सरकार संविधान में संशोधन कर ग्राम स्वराज विषय को अनुसूची में शामिल करे।
यहां भामाशाह कृषि उपज मंडी समिति परिसर के किसान भवन में किसान जागृति संगठन भोपाल के अध्यक्ष इरफान जाफरी की अध्यक्षता में आयोजित राष्ट्रीय चिंतन बैठक में ग्राम स्वराज क्यों और कैसे पर व्यापक चर्चा की गई। राष्ट्रीय किसान सभा के अध्यक्ष डा बृजेश शर्मा ने कहा कि आजादी के बाद हमारे शासकों की मिश्रित अर्थव्यवस्था की नीति ने परंपरागत खेती को नष्ट कर दिया जिसके कारण आज केंद्रीयकृत व्यवस्था चल रही है। महात्मा गांधी के विकेंद्रीकरण के सिद्धांत को पूरी तरह खारिज कर दिया गया। वर्तमान पंचायती राज व्यवस्था में ग्राम स्वराज की अवधारणा को लागू नहीं किया जा रहा और केंद्रीयकृत व्यवस्था को ही बढ़ावा दिया जा रहा है। इसमें संविधान संशोधन की बहुत आवश्यकता है। हाडोती किसान यूनियन के महामंत्री एवं राष्ट्रीय किसान समूह के संयोजक दशरथ कुमार ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था का मूल आधार ग्राम स्वराज है लेकिन दुर्भाग्य से लोकतांत्रिक व्यवस्था में समस्त उपाय होते हुए भी जनता की ताकत कम हो गई है इसलिए किसानों का आंदोलन करना संवैधानिक अधिकार है। इस अवसर पर हरियाणा के किसान नेता डीके शर्मा ने बताया कि देश में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर चल रहा है। विकास के नाम पर विनाश हो रहा है। आवश्यकता है कि ग्राम सभा को मजबूत किया जाए। आज सारी व्यवस्था केवल 7 करोड़ सरकारी व निजी नौकरी करने वालों को लेकर है। खेती और कृषि का बड़ा क्षेत्र सुविधाओं से वंचित है। गांव में रोजगार ग्राम सभा का बहुत बड़ा हिस्सा है। सहकार नेता रामगोपाल शर्मा ने कहा कि गांव से किसानों का पलायन हो रहा है और शहरीकरण को अनावश्यक बढ़ावा दिया जा रहा है। खेती और कृषि की प्राचीन परंपरा को बर्बाद किया जा रहा है जो चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि हाडोती में शाहबाद के भी जंगल को विकास के नाम पर काटे जाने की योजना है। जो इस क्षेत्र के लिए अभिशाप साबित होगी। जंगल नष्ट होंगे तो खेती भी नहीं पनप सकती। राष्ट्रीय युवा संगठन के जगदीश शर्मा ने बताया कि इस बैठक में रणजीत सिंह यादव मध्य प्रदेश, फरीदाबाद दिल्ली के डीके शर्मा, राजेंद्र सिंह राजपूत,सीतामढ़ी बिहार से डॉक्टर बृजेश शर्मा,सांची से मदन लोधी आदि किसान नेताओं के अलावा बाढ़ सुखाड़ विश्व जन आयोग के सदस्य बृजेश विजयवर्गीय एवं एक दर्जन राज्यों से किसान प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। चिंतन बैठक का समापन 24 अगस्त को होगा।

















