25 03 2023 kamada ekadashi 2023 date shubh muhurat 23366831
-राजेन्द्र गुप्ता-
राजेन्द्र गुप्ता
कामदा एकादशी 1 या 2 अप्रैल कब ? 
========================
हिंदू नववर्ष की पहली एकादशी, कामदा एकादशी कहलाती है। इस साल कामदा एकादशी की तिथि को लेकर लोगों में संशय की स्थिति है। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की कामदा एकादशी का व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि ये हिंदू नववर्ष की पहली एकादशी कहलाती है। एकादशी का व्रत भगवान नारायण के निमित्त रखा जाता है। मान्यता है कि कामदा एकादशी का व्रत रखने वालों के कष्टकारी जीवन से छुटकारा मिलता है और उसके समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। कहते हैं जो विधि विधान से ये व्रत रखता है उसका तन और मन दोनों शुद्ध हो जाता है। जिंदगी भौतिक सुख से परिपूर्ण रहती है। इस साल कामदा एकादशी की तिथि को लेकर लोगों में संशय की स्थिति है।
कामदा एकादशी 1 या 2 अप्रैल कब ? 
=======================
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को कामदा एकादशी व्रत रखा जाता है। इस साल कामदा एकादशी का व्रत 1 और 2 अप्रैल दोनों दिन रखा जाएगा। पंचांग के अनुसार चैत्र शुक्ल एकादशी तिथि 1 अप्रैल 2023 को प्रात: 01 बजकर 58 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 02 अप्रैल 2023 को   सुबह 04 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगी।
शास्त्रों के अनुसार जब एकादशी व्रत लगातार दो दिनों के लिए हो तो स्मार्त संप्रदाय, गृहस्थ जीवन वालों को पहले दिन एकादशी व्रत करना चाहिए। वहीं संत, साधुओं और वैष्णव संप्रदाय के लोग दूसरे दिन  एकादशी व्रत रखते हैं। ऐसे में परिवारजनों के लिए 1 अप्रैल 2023 को कामदा एकादशी का व्रत रखना शुभ होगा। वहीं वैष्णव संप्रदाय के लोग 2 अप्रैल 2023 को ये व्रत करेंगे।
कामदा एकादशी व्रत का पारण 
====================
कामदा एकादशी (1 अप्रैल 2023) – गृहस्थ जीवन यापन करने वाले व्रत करें
इस दिन व्रत रखने वाले 2 अप्रैल 2023 को दोपहर 01 बजकर 40 मिनट से शाम 4 बजकर 10 मिनट तकर व्रत पारण कर सकते हैं।
कामदा एकादशी (2 अप्रैल 2023) – वैष्णव संप्रदाय, साधु, संत व्रत करेंगे
दूजी एकादशी के दिन व्रत रखने वाले 3 अप्रैल 2023 को सुबह 06 बजकर 09 मिनट से सुबह 06 बजकर 24  तक व्रत पारण करें।
कामदा एकादशी के दिन क्या करें 
======================
कामदा एकादशी का व्रत फलाहार और निर्जल दोनों तरीके से रखा जाता है। सूर्योदय से अगले दिन व्रत पारण तक मान्यता अनुसार एकादशी का व्रत रखें।
स्नान के पश्चात सुबह श्रीहरि का अभिषेक और पूजन करें। इस दिन व्रती दोपहर में सोएं नहीं साथ ही रात्रि जागरण कर भगवान नारायण का स्मरण करें।
राजेन्द्र गुप्ता,
ज्योतिषी और हस्तरेखाविद
मो. 9611312076
Advertisement
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments