-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। राजस्थान में कोटा, बूंदी, झालावाड़ और चित्तौडग़ढ़ जिले के रावतभाटा क्षेत्र के करीब 780 वर्ग किलोमीटर इलाके में फैले मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में जब तक सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त नहीं किए जाते तब तक यहां बाघों को आबाद करने की कल्पना करना भी बेमानी है। राजस्थान के तीसरे व हाडोती संभाग के पहले इस अभयारण्य का करीब 417 वर्ग किलोमीटर का मुख्य एरिया है जबकि 343 वर्ग किलोमीटर के लगभग बफर जोन है जिसमें दरा अभयारण्य, चंबल घडिय़ाल सेंचुरी, राष्ट्रीय अभयारण्य और जवाहर सागर अभयारण्य शामिल हैं लेकिन इस समूचे क्षेत्र को मिलाकर बनाए गए मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में अभी तक भी राज्य सरकार के वन विभाग ने सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त नहीं किए हैं।
अभयारण्य क्षेत्र को आबाद करना राज्य सरकार की प्राथमिकता हो
यहां पर्याप्त संख्या में सुरक्षा प्रहरी तैनात नहीं है और यही एक बड़ी वजह रही है कि पिछले दिनों इस टाइगर रिजर्व में आबाद चार बाघ-बाघिन और उनके शावक में से तीन बाघ-बाघिन और उनके शावक मर चुके और अब एक इकलौती बाघिन एमटी-4 बची है जिसे भी इस अभयारण्य क्षेत्र के एक संरक्षित इलाके सेल्जर में कैद करके रखा हुआ है। अब इस अभयारण्य क्षेत्र को आबाद करना राज्य सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए, लेकिन इसके पहले यहां सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए जाने चाहिए। यह कहना है कोटा से गए पगमार्क फाउंडेशन के एक प्रतिनिधिमंडल का जिसने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात करके मुकुंदरा हिल्स की स्थिति से उन्हे अवगत करवाया और यह मांग रखी। पगमार्क फाउंडेशन के एक प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात कर उन्हें सौंपे विस्तृत ज्ञापन में मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में सुरक्षा प्रहरियों के रिक्त पद भरने का अनुरोध किया है। पगमार्क फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष देवव्रत सिंह हाडा ने बताया कि मुकुंदरा में आधे से ज्यादा सुरक्षा गाड्र्स के पद रिक्त हैं। साथ ही सिर्फ दो रेंजर तैनात है। ऐसे में यहां बाघ व अन्य वन्यजीवों की सुरक्षा की कल्पना करना भी बेमानी है इसलिए प्राथमिकता से मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में सुरक्षा गाड्र्स के रिक्त पद भरना आवश्यक है।
इलाके में बसे ग्रामीणों का विस्थापन तुरंत किया जाये
देवव्रत हाडा ने कहा कि पर्याप्त सुरक्षा के अभाव में पूर्व में यहां बाघों की सुरक्षा सही तरीके से नहीं हो सकी व इस पर सवालिया निशान अब भी लगा हुआ है। देवव्रत हाडा ने कहा कि मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व को फिर से बाघों से आबाद करने के लिये यह बहुत जरूरी है कि सुरक्षा प्रबंधों के साथ ही मुकुंदरा हिल्स इलाके में बसे ग्रामीणों का विस्थापन तुरंत किया जाये। बाघ संरक्षण की दिशा में यह बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि मुकुंदरा में बाघों की सुरक्षा के साथ-साथ ग्रामीणों की सुरक्षा भी जरूरी है। देवव्रत हाडा ने कहा कि मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के दरा क्षेत्र में टाइगर एनक्लोजर बनाया गया और जंगल में चराई प्रतिबंधित कर दी गई किन्तु कालांतर में मुकुंदरा के दरा स्थित एनक्लोजर में उपस्थित चार में से तीन टाइगर मर गए और बची हुई एक बाघिन एमटी-4 को भी सेल्जर में में छोड़ दिया गया।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, शीघ्र बाघ शिफ्ट करेंगे
पगमार्क फाउंडेशन ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग की है कि राजस्थान सरकार ने दरा में बाघों के लिए करोड़ों खर्च कर उसे विकसित किया था और जो अब बदहाल स्थिति में है इसीलिए दरा क्षेत्र को उपेक्षित ना किया जाए और जल्द से जल्द बाघ शिफ्ट किए जाएं। कोटा से मिलने गये प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से कहा कि मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व हमारी आन-बान और शान है,इसको सरकार नजरअंदाज ना करे। यह वन एवं वन संरक्षण के लिहाज से किसी भी तरह उचित नहीं है। पर्यावरण प्रेमी कपिल गहलोत ने बताया कि मुकुंदरा को आबाद करने की लिए हम हर दरवाजा खटखटाएंगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में जल्द बाघ भी शिफ्ट किया जाएगा और बाघ संरक्षण की दिशा में राजस्थान सरकार द्वारा किया गया काम जल्द मुकुंदरा हिल्स में भी दिखाई देगा। यह टाइगर रिजर्व पहले ही से हमारी प्राथमिकता में शामिल है। गहलोत से मुलाकात के दौरान अजीत सिंह राठौड़, अर्पित मेहरा, ज्ञानवर्धन सिंह राठौड़ उपस्थित रहे।