
-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। राजस्थान के कोटा में सोमवार को घट स्थापना के साथ 9 दिन तक नवरात्रि महोत्सव की धूम रहेगी और यह चार नवंबर तक जारी रहेगा। नवरात्रि के नौ दिनों में कोटा शहर के बाजारों में भी खरीदारी की जमकर धूम रहने वाली है क्योंकि नवरात्र के दौरान हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शुभ मानते हुये खरीददारी की पुरानी परंपरा रही है। इसके लिए कोटा शहर के व्यापारी भी अपनी ओर से विशेष तैयारियां करके रखते हैं और अपनी दुकानों की खासतौर से सजाने के अलावा खरीदारों को लुभाने के लिए तरह-तरह के ऑफर भी उपलब्ध करवाते हैं ताकि लोग अधिक से अधिक उनकी व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर आकर खरीदारी कर सकें।

नवरात्रि के दौरान डांडिया महोत्सव का आयोजन
कुछ प्रमुख कंपनियां भी इसी तरह के ऑफर लेकर के बाजार में आती है जिनमें टेलीविजन,फ्रिज, एयर कंडीशन उपकरण,रेड़ीमेड़ गारमेंट्स,साड़िया बनाने वाली कंपनियां और उनके डीलर भी शामिल होते हैं। कई स्थानों पर ग्राहकों को लुभाने के लिए बड़ी कंपनियों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों की ओर से सैल लगाई जाती है। इसके अलावा वैश्विक महामारी कोविड-19 के असर के कम होने के बाद हटाई गई पाबंदी के चलते इस साल कोटा शहर में विभिन्न सामाजिक संगठनों, महिला मंड़लों की ओर से नवरात्रि के दौरान डांडिया महोत्सव का भी आयोजन किया जाएगा। इसके लिए युवाओं और महिलाओं ने खास तैयारी की हुई है। गरबा-डांडिया कार्यक्रमों के दौरान युवा पारंपरिक साज-सज्जा के साथ पारम्परिक तरीके से गरबा करते हुए नजर आएंगे।
हाडोती अंचल के कुछ स्थानों पर मेले
दो साल के कोरोना काल की समाप्ति के बाद इस साल कोटा सहित हाडोती अंचल के कुछ स्थानों पर मेले और दुर्गा माता के मंदिरों में सार्वजनिक समारोहों का आयोजन किया जाएगा। कल घट स्थापना के साथ ही नवरात्र महोत्सव की शुरुआत होगी। इस दिन लोग अपने घरों में माता दुर्गा की पूजा कर स्थापना करेंगे और अगले नौ दिन तक दुर्गा माता के अलग-अलग स्वरूप की पूजा की जाएगी।

दाढ़ देवी माताजी के प्राचीन एवं ऐतिहासिक मंदिर में मेले का आयोजन
कोटा शहर में दाढ़ देवी माताजी के प्राचीन एवं ऐतिहासिक मंदिर में कल सोमवार से मेले का आयोजन किया जाएगा जो चार नवंबर तक जारी रहेगा। दाढ़ देवी माता जी के मंदिर के प्रति बड़ी संख्या में लोगों की अगाध श्रद्धा होने के कारण नवरात्रि के पूरे नौ दिनों में इस मंदिर में जमकर चहल-पहल रहती है। खासतौर से नवरात्र स्थापना और दुर्गा अष्टमी के दिन अल सुबह से ही इस ऐतिहासिक मंदिर में लोग दर्शनों के लिए जुटना शुरू हो जाते हैं। रियासत काल से ही कोटा का राज परिवार भी यहां पूजन के लिए आता रहा है और यह परम्परा जारी रखते हुये वर्तमान में भी कोटा के पूर्व राज परिवार के सदस्य दाढ़ देवी माताजी के मंदिर में सहित कोटा में नदी पार के नान्ता माता मंदिर में पूजन के लिए जाते हैं।
कोटा शहर के बाहरी इलाके में स्थित दाढ़ देवी माताजी मंदिर में मेले के आयोजन के दौरान कोटा और आसपास के अन्य कस्बों के व्यापारी आकर अपनी दुकानें सजाते हैं। मेले के आयोजन में भाग लेने व दर्शन के लिए दूरदराज के ग्रामीण इलाकों से भी बड़ी संख्या में लोग हर साल या पहुंचते है। हालांकि पिछले दो साल कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण मेले के आयोजन पर रोक लगा दी गई थी लेकिन इस बार उत्साह के साथ यह मेला आयोजित किया जा रहा है।
दुर्गा अष्टमी तक धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन
कोटा जिले में अन्य कई स्थानों पर स्थित दुर्गा माता के मंदिरों में कल नवरात्र स्थापना से लेकर दुर्गा अष्टमी तक धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जाएगा जिनमें कोटा-रावतभाटा रोड पर बोराबास गांव के नजदीक स्थित
नाहरसिंह जी माता जी का मंदिर प्रमुख रूप से शामिल है। वहां भी नवरात्र महोत्सव के दौरान नौ दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं। बारां जिले में अटरू क्षेत्र में मोठपुर के पास मूसेण माता जी के मंदिर और छबड़ा नगर के निकट गुगोर माताजी के मंदिर पर भी नवरात्र महोत्सव के दौरान बड़ी संख्या में लोग पूजा-अर्चना के लिए जाते हैं। गुगोर में तो सर्दियों के मौसम में मेले का भी आयोजन किया जाता है जबकि मोठपुर के नजदीक स्थित मूसेण माता जी के स्थान पर भी वर्षा ऋतु की शुरुआत से पहले मेले के आयोजन की परंपरा पुरानी परंपरा रही है।

















