गांव बदल गया

-नीलू चौधरी-

neelu chaudhary
नीलू चौधरी

लोग कहते हैं गाँव बदल गया,
गाँव में अब वो बात नहीं,जो
पहले थी।
पर अब भी गाँव की दहलीज पर
पैर रखते ही आती है वहाँ की मिट्टी से
अपनेपन की सोंधी खुशबू।
हर वक्त मदद के लिए
तैयार रहते हैं वो लोग
जिनके पुरखों का रक्त संबंध था
हमारे पुरखों से….

हमारी जड़ें जुड़ी हैं गाँव की मिट्टी से,
पुरखों की यादें सींचती हैं उन जड़ों को
खाद पानी की तरह…

लोग कहते हैं गाँव बदल गया है…
पर आज भी मुमकिन है गाँव में
उगते और डूबते सूरज को देख पाना
जो शहर में मुमकिन नहीं।
अट्टालिकाओं से घिरे शहर में
बस दिन के उजाले और रात के
अंधेरे ही देखे जा सकते हैं।

लोग कहते हैं गाँव वीरान हो गया,
जीने के लिए पलायन कर रहे हैं
गाँव के लोग…
पर,ये सच नहीं है,
उपलब्ध हैं जरूरत की
सारी चीजें गाँव में…
अन्न है,जल है,दवा है,दुआ है।
गाँव गुलज़ार है
औरतों की हँसी से,बच्चों की
किलकारियों से,युवाओं के ठहाकों से
और बुजुर्गों के आशीर्वाद से….

गाँव सुवासित है महुए की गंध से,
आम की मंजरी से,गाय के गोबर से,
उपले के धुएँ से,
सच! जीवन तो गाँव में है।

#नीलू_चौधरी

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श्रीराम पाण्डेय कोटा
श्रीराम पाण्डेय कोटा
2 years ago

यथार्थ तो यही है कि सचा जीवन तो गांव में बसता है