
बारां। शाहबाद संरक्षित वन अभ्यारण्य क्षेत्र में लगने वाले हाइड्रो पावर प्लांट हेतु काटे जाने वाले लाखों पेड़ों को बचाने के लिए दिया फाउंडेशन, वृक्ष मित्र फाउंडेशन और शाहबाद घाटी संरक्षण संघर्ष समिति बारां इंटेक बारां चैप्टर द्वारा चलाए जा रहे शाहबाद बचाओ आंदोलन के तहत सदस्यों ने खेड़ली गांव वासियों के बीच पहुंच कर शाहबाद की सुरम्य घाटियों के वैभव और सौंदर्य को बचाने हेतु जन सम्पर्क किया।
शाहबाद जंगल बचाओ आंदोलन के सोशल मीडिया टीम प्रभारी नीता शर्मा ने बताया कि ” खेड़ली गांव वासियों से सम्पर्क कर उन्हें शाहबाद जंगल में काटे जाने वाले लाखों पेड़ों के बारे में जानकारी दी गई और उन्हें अपनी विरासत और प्राकृतिक धरोहर को बचाने हेतु जागृत किया गया। ”
ग्राम वासियों ने कहा कि शाहबाद जंगल बचाने मे वे तन मन धन से सहयोग करने में तैयार हैं।जरूरत पड़ी तो वे चिपको आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे।
नीता शर्मा ने बताया कि ” गांव के रामलाल,श्याम,मांगीलाल समेत अन्य सभी लोगों ने शाहबाद जंगल बचाओ आंदोलन को समर्थन देते हुए कहा कि यदि जंगल नहीं बचेंगे तो उन्हें ऑक्सीजन, पर्यावरण की शुद्धि, कृषि उपज नहीं मिलेगी ।”
समिति सदस्य डॉ मनोज सिंगोरिया ने बताया कि ” राष्ट्रीय स्तर तक इस आंदोलन की आवाज पहुंच चुकी है और यह पर्यावरण संरक्षण की मुहिम निश्चित रूप से सफल होगी।”
ज्ञातव्य है कि राजस्थान सरकार और केंद्र सरकार द्वारा शाहबाद संरक्षित वन अभ्यारण्य क्षेत्र में ग्रीनको एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड हैदराबाद को हाइड्रो पावर प्लांट लगाने हेतु लाखों पेड़ों को काटे जाने की स्वीकृति दी गई जिसके विरोध में राष्ट्रीय,अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पर्यावरण संरक्षण विद स्थानीय आंदोलन कर्ताओं के साथ उतर चुके हैं।