
जयपुर: राजस्थान ललित कला अकादमी के सहयोग से जवाहर कला केंद्र, जयपुर के शिल्प ग्राम परिसर में 24 वां राष्ट्रीय कला मेला आयोजित किया जा रहा है। यह कला मेला 19 से 23 मार्च 2025 तक चलेगा और देशभर के कला प्रेमियों को आकर्षित करने का अवसर प्रदान करेगा।
राजकीय कला महाविद्यालय, कोटा के प्रसिद्ध कलाकार डॉ. रमेश चंद मीणा और डॉ. बसन्त लाल बामनिया ने मेले में भाग लेकर अपनी कलाकृतियों से दर्शकों का मन मोह लिया है। डॉ. मीणा की छह प्रमुख कृतियों – “सत्यम”, “शिवम”, “सुंदरम”, “दिव्य युगल”, “धूल के फूल” और “प्रेम” के माध्यम से भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों और आध्यात्मिकता की झलक देखने को मिल रही है। वहीं, डॉ. बामनिया ने प्रेम विषय पर आधारित आठ कलाकृतियों के द्वारा भावनाओं के गहरे आयाम प्रस्तुत किए हैं।
यह कला मेला विभिन्न शैलियों और तकनीकों की अद्भुत प्रस्तुति के साथ साथ कलाकारों और दर्शकों के बीच संवाद का एक अद्वितीय मंच भी बनेगा। डॉ. रमेश चन्द मीणाके अनुसार, इस मेले में देश भर से आए कला प्रेमी विभिन्न कार्यशालाओं और चर्चाओं में हिस्सा लेकर कला के क्षेत्र में नवीनतम रुझानों और पारंपरिक मूल्यों का संगम देख सकेंगे।
मेले का मुख्य उद्देश्य कलाकारों को अपनी रचनात्मकता प्रदर्शित करने का मंच प्रदान करना तथा कला और संस्कृति के प्रति लोगों में जागरूकता एवं प्रेम का संचार करना है। कला प्रेमियों का मानना है कि यह मेला भारतीय कला जगत में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा और युवा कलाकारों को नई प्रेरणा एवं दिशा प्रदान करेगा।