
-इंटेक बारां चैप्टर की ओर से आयोजित नेशनल एनवायरमेंट सिंपोजियम का समापन
-भारतीय समुदाय के प्रति चिंतन और मनन एक मानवतावादी कार्य:डॉ मजीद मलिक कमांडो
बारां। “समूची मानवता को राहत देने के लिए जमीन से जुड़े देश के विभिन्न प्रांतों से अलग अलग क्षेत्रों के प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ताओं का बारां में आयोजित नेशनल एनवायरमेंट सिंपोजियम में शामिल होना मानवता के लिए पर्यावरण की आवश्यकता को दर्शाता है। मनुष्य जीवन के लिए हवा और पानी कितना जरूरी है इस बात का पता लगाने की जरूरत नहीं है। यह सब जानते हैं मगर हम सभी लोग इसको प्रैक्टिकल करके देखने में विश्वास नहीं रखते हैं।”
ये विचार इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज नई दिल्ली के वाइस चेयरमैन प्रोफेसर सुखदेव सिंह ने इंटेक बारां चैप्टर की ओर से आयोजित नेशनल एनवायरमेंट सिंपोजियम के समापन समारोह में अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए।

समापन समारोह के मुख्य अतिथि शिक्षाविद और निदेशक भारतमाता कॉलेज डॉ मजीद मलिक कमांडो ने कहा कि” भारतीय सांस्कृतिक निधि देश की मूर्त और अमूर्त विरासतों के संरक्षण और जीर्णोद्धार के लिए पूरे विश्व भर में जानी जाती है। इसके चेयरमैन स्तर के अधिकारी का हाड़ौती संभाग में प्रथम बार आगमन हम सभी हाड़ौती वासियों के लिए गौरव की बात है। प्राकृतिक विरासत के संरक्षण और संवर्धन के लिए इतने विशेषज्ञों का वराह नगरी बारां में एक साथ जुटना और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में आवश्यक नीति नियमों को लागू करवाने का प्रयास कर रहे इन सभी विशेषज्ञों का भारतीय समुदाय के प्रति चिंतन और मनन एक मानवतावादी कार्य है जिसका स्वागत किया जाना चाहिए।”
भारतीय वन सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी जयराम पाण्डेय चेयरमैन रिटायर्ड फॉरेस्ट ऑफिसर्स एंड एम्प्लॉयज सोसाइटी ने समारोह के विशिष्ट अतिथि के रूप में कहा कि” वनों के क्षेत्रफल में आती जा रही निरन्तर गिरावट चिंता का विषय है। वन हमारे प्राणदाता हैं। इस बात का चिंतन करना चाहिए। ये सभी लोग चाहते हैं कि वे शुद्ध वातावरण में जीवन जिएं, शुद्ध पानी को पिएं मगर इसके लिए कोई भी आगे नहीं बढ़ना चाहता है। किसी को तो सभी के लिए आगे आना ही होगा।” देश भर के विभिन्न राज्यों से आए प्रकृति प्रेमियों, पर्यावरण संरक्षण विशेषज्ञों, पर्यावरण विदों, इतिहासकारों,विरासत विशेषज्ञों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के राष्ट्रीय सम्मेलन में धन्यवाद ज्ञापित करते हुए संस्था के सदस्य डॉ अरमान मलिक ने कहा कि “यह भारतमाता कॉलेज के लिए एक विशेष गौरव और सौभाग्य की बात है कि महाविद्यालय के छात्र छात्राओं को अपने विषय के विशेषज्ञों से रूबरू होने का मौका मिला। हम सभी लोग इसके लिए आभारी हैं।
स्थानीय और बाहर से आए अतिथियों ने सुबह विरासत यात्रा के रूप में रवाना होकर रामगढ़ क्रेटर, भण्डदेवरा मंदिर, कैलगिरी जी महाराज की समाधि और गुफा, पुष्कर सरोवर, पुष्कर घाट, कृष्णाई अन्नपुर्णा माताजी मन्दिर, शाहबाद जंगल, कूनो नदी के किनारों का अवलोकन किया। ग्राम छीनोद में सरपंच भानु प्रताप सिंह के नेतृत्व में सभी का तिलक अक्षत और माल्यार्पण कर स्वागत किया गया।

















