चैत्र नवरात्रा की दुर्गाष्टमी आज

-राजेन्द्र गुप्ता
चैत्र का महीना जगत जननी मां दुर्गा को समर्पित होता है। इस महीने में चैत्र नवरात्र मनाया जाता है। इस दौरान देवी मां दुर्गा और उनके नौ रूपों की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही मनचाहा वरदान पाने के लिए साधक व्रत रखते हैं। वहीं, विशेष विद्या सीखने वाले साधक देवी मां दुर्गा की कठिन साधना करते हैं। जगत जननी मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में सुखों का आगमन होता है। चैत्र नवरात्र के शुभ अवसर पर साधक श्रद्धा भाव से देवी मां दुर्गा और उनके सभी रूपों की पूजा करते हैं।
दुर्गा अष्टमी का शुभ मुहूर्त
==================
वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 04 अप्रैल को भारतीय समयानुसार रात 08 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, अष्टमी तिथि का समापन 05 अप्रैल को शाम 07 बजकर 26 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। अत: 05 अप्रैल को चैत्र नवरात्र की दुर्गा अष्टमी मनाई जाएगी।
दुर्गा अष्टमी पर शुभ योग 
==================
ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। दुर्गा अष्टमी पर सुकर्मा योग का भी संयोग बन रहा है। इसके अलावा, पुनर्वसु नक्षत्र का भी संयोग है। इन योग में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृ्द्धि होगी।
दुर्गा अष्टमी की पूजा विधि
===================
दुर्गाष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहनें। मंदिर की सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव करें। अब एक चौकी पर मां दुर्गा की मूर्ति या फिर तस्वीर स्थापित करें और देवी का गंगाजल से अभिषेक करें। पूजा के दौरान माता रानी को लाल रंग के वस्त्र, फूल और शृंगार का सामान अर्पित करें और घी का दीपक जलाएं।
माता को हलवा, खीर और काले चने आदि का भोग लगाएं। इसके बाद दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ करें और अंत में आरती करें। कई साधक इस दिन पर कन्या पूजन भी करते हैं। इस दौरान कन्याओं को भोजन कराएं और उन्हें कुछ-न-कुछ उपहार दें। साथ ही इस दिन पर हवन कराना भी काफी शुभ माना जाता है।
क्यों खास है यह तिथि
===================
दुर्गा अष्टमी की पूजा में देवी दुर्गा के सभी नौ रूपों की पूजा-अर्चना का विधान है। इस दिन खासतौर से मां महागौरी की पूजा-अर्चना की जाती है, जो मान्यताओं के अनुसार, राहु ग्रह को शासित करती हैं। ऐसे में दुर्गा अष्टमी के अवसर पर विधिवत रूप से मां महागौरी की पूजा करने से साधक को राहु ग्रह के दुष्प्रभाव से मुक्ति मिल सकती है।
राजेन्द्र गुप्ता,
ज्योतिषी और हस्तरेखाविद
मो. 9116089175
Advertisement
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments