-दुष्यन्त सिंह गहलोत-

कोटा। छप्पन भोग परिसर किशोरपुरा में आयोजित दो दिवसीय ज्योतिष सम्मेलन के अंतिम सत्र में ज्योतिष संस्था संघ के अध्यक्ष अरुण बंसल ने ज्योतिष शास्त्र की व्याख्या के संदर्भ में कहा कि आजकल बड़े-बड़े कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के आधार पर भी भविष्यवाणियों की सत्यता में त्रुटियां रह जाती हैं जबकि प्राचीन काल के पंडित फटाफट सटीक फलादेश कर दिया करते थे। उनका यह कथन चंद्रमा के गोचर पर आधारित था। अतः ज्योतिष की गणना ग्रहों के आधार पर की जानी चाहिए। ऊंच-नीच वक्री ग्रहों का आकलन करते समय ग्रहों की राशियों का विस्तार होता है और ग्रह अपना प्रभाव बढ़ा देते हैं। आभा बंसल ने बताया कि जन्म के समय के आकाशीय ग्रह व्यक्ति के जीवन का निर्धारण कर देते हैं। ग्रहों को अनुकूल बनाने के लिए मंत्र रत्न और अन्य उपायों के अलावा आहार हमारे जीवन में बदलाव ला देता हैं। उन्होंने ग्रहों से संबंधित भोजन को ग्रहण करने की आवश्यकता का प्रभाव प्रतिपादित किया। कॉस्मिक एनर्जी की व्याख्या करते हुए इंजीनियर महेंद्र चौहान ने कहा कि पृथ्वी से ज्योमैट्रिक किरणें निकलती हैं। यदि कोई व्यक्ति उस एनर्जी के संपर्क में आता है तो उसे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से गुजरना पड़ता है। रेगिस्थान विशेष रूप से बीकानेर बाड़मेर आदि मरू स्थानों में कैंसर की बीमारी का प्रभाव देखा जा सकता है। राजस्थान विधानसभा में वास्तु दोष के कारण कभी भी 200 सदस्य एक साथ नहीं बैठ पाते। कॉस्मिक एनर्जी के द्वारा दोष पूर्ण ऊर्जा को सकारात्मक ऊर्जा में बदला जा सकता है। एनर्जी के प्रभाव को बढ़ाने के लिए किसी अच्छे मंदिर में डोम के नीचे बैठकर स्वाध्याय करने से कॉस्मिक एनर्जी को व्यवस्थित किया जा सकता है।

कोटा दक्षिण के विधायक संदीप शर्मा द्वारा वक्ताओं को स्मृति चिन्ह में मेंटो प्रमाण पत्र एवं दुपट्टा आदि ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। सम्मेलन में कैलाश चंद शास्त्री तारा चंद शास्त्री सीताराम शास्त्री नवीन पराशर डॉक्टर ओम प्रकाश शर्मा रिटायर्ड प्रशासनिक अधिकारी देव आनंद माथुर नरेश जी गुना नागेश्वर जी उज्जैन अनु सोनी कानपुर आदि वक्ताओं ने ज्योतिष की गणना पर प्रकाश डाला। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव शिवकांत नंदवाना एवं राखी गौतम ने देश विदेश से आए ज्योतिष एवं वास्तु विदो का आभार जताते हुए कार्यक्रम के सफल और भव्य आयोजन के लिए ज्योतिषाचार्य प्रमिला गुप्ता एवं नकुल गुप्ता और उनकी पूरी टीम के प्रयासों की प्रशंसा की। सम्मेलन में आए हुए लगभग 268 ज्योतिष वास्तुविद एवं अन्य विद्वानों को स्मृति चिन्ह मोमेंटो प्रमाण पत्र आदि देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की संयोजिका प्रमिला गुप्ता ने बताया हमने इस कार्यक्रम को काफी अल्प समय मे मैनेजमेंट करके सफल बनाने का प्रयास किया।
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