
-राजकीय कला महाविद्यालय कोटा राजस्थान
कोटा। राजकीय कला महाविद्यालय कोटा में शुक्रवार को भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर एक संगोष्ठी और श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय प्राचार्य प्रोफेसर रोशन भारती ने की। विशिष्ट वक्ताओं में सेवानिवृत प्राचार्य भारतीय और प्रोफेसर संदीप सिंह चौहान रहे। प्रोफेसर संदीप सिंह चौहान ने कहा कि डॉक्टर अंबेडकर किसी जाति धर्म अथवा समाज के प्रतिनिधि नहीं होकर आम जन के प्रतिनिधि थे। एक सामान्य मनुष्य की आवाज बनकर उन्होंने मनुष्यता का प्रतिनिधित्व किया। प्रो. भारतीय ने कहा कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने आमजन की पीड़ा को पहचाना तथा मुख्य धारा से वंचित समुदाय को उनका हक दिलाया । मनुष्यता की आवाज बनकर सभी को एक मनुष्य होने का हक दिलाने के लिए आजीवन संघर्ष करते रहे । इस अवसर पर वरिष्ठ संकाय सदस्य डॉक्टर दीपा चतुर्वेदी ने कहा कि डॉ आंबेडकर एक विलक्षण और अद्भुत प्रतिभा की धनी थे अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्राचार्य प्रोफेसर रोशन भारती ने कहा कि डॉक्टर अंबेडकर जो मुख्य धारा के अतिरिक्त शेष व्यक्ति रहे थे उनको मुख्य धारा में प्रवेश कराने के लिए अथक प्रयास किया। हमें उनके जीवन मूल्यों को उनके विचारों को उनके आदर्शों को आत्मसात कर आगे बढ़ना चाहिए। सामाजिक समरसता का भाव रखते हुए जो जीवन में शेष है उसे विशेष बनाने का अनवरत प्रयास करना चाहिए । इसी में हमारे राष्ट्र का उत्थान निहित है इस अवसर पर बड़ी संख्या में संख्या सदस्य उपस्थित रहे कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर विवेक कुमार मिश्रा ने किया।

















