कोटा में हॉस्टल्स अब नहीं लेंगे सिक्योरिटी और कॉशन मनी

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– कोटा में कोचिंग स्टूडेंट्स के लिए कॉस्ट ऑफ लिविंग होगी सस्ती, अब कम खर्चे में पूरे होंगे सपने

– कोटा केयर्स अभियान

– जिला कलक्टर डॉ.रविन्द्र गोस्वामी की सलाह पर सभी हॉस्टल एसोसिएशन एक मंच पर आए

कोटा. मेडिकल व इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए देशभर से कोचिंग करने कोटा आने वाले स्टूडेंट्स के सपने अब कम खर्चे में पूरे होंगे। कोटा केयर्स अभियान के तहत अब कोटा में स्टूडेंट्स की कॉस्ट ऑफ लिविंग सस्ती हो गई है। जिला कलक्टर डॉ.रविन्द्र गोस्वामी के पहल पर शहर की सभी हॉस्टल एसोसिएशन्स की सहमति से कोटा में हॉस्टल संचालक स्टूडेंट्स से सिक्योरिटी व कॉशन मनी नहीं लेने की घोषणा की गई। पूर्व में हॉस्टल ज्वाइन करने पर यह राशि अतिरिक्त ली जाती थी और वर्ष के अंत में लौटाई जाती थी। इसके साथ ही शहर में हॉस्टल व कोचिंग के लिए गाइड लाइन भी जारी की गई, जिसमें स्टूडेंट्स के हित में कई बड़े निर्णय किए गए।

इससे पूर्व कोटा केयर्स अभियान के तहत हॉस्टल्स की सुविधाओं और समस्याओं पर चर्चा के लिए हॉस्टल एसोसिएशन्स के पदाधिकारी और कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधि जिला कलक्टर डॉ.रविन्द्र गोस्वामी से मिले। इसमें चंबल हॉस्टल एसोसिएशन अध्यक्ष विश्वनाथ शर्मा, सचिव सतप्रीत सिंह, कोरल हॉस्टल एसोसिएशन अध्यक्ष सुनील अग्रवाल, कोषाध्यक्ष नीरज जैन, सचिव दीपक अग्रवाल, कोटा हॉस्टल एसोसिएशन अध्यक्ष नवीन मित्तल, सचिव पंकज जैन सहित कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। इस अवसर पर सभी हॉस्टल एसोसिएशन्स के सदस्यों ने कोटा केयर्स के तहत कोटा आने वाले हर स्टूडेंट को कम खर्च में बेहतर सुविधाएं देने के लिए प्रयास करने की बात कही।

हॉस्टल के लिए जिला प्रशासन द्वारा जारी की गई गाइड लाइन में स्टूडेंट्स की चम्बल रिवर फ्रंट और ऑक्सीजोन में निशुल्क विजिट, मैंटिनेंस चार्जेज अधिकतम 2 हजार, जरूरत होने पर पीजी के लिए निशुल्क हैंगिंग डिवाइज वितरण, हॉस्टल स्टॉफ को गेटकीपर ट्रेनिंग अनिवार्य, वन टाइम पास के आधार पर चम्बल रिवर फ्रंट और ऑक्सीजोन में निशुल्क एंट्री, रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड पर कोटा केयर्स हेल्प डेस्क, चालू हालत में सीसीटीवी व बायोमेट्रिक, रात में मैनुअल अटेंडेंस, हॉस्टल में रिक्रिएशन एरिया, हर पेमेंट की रसीद पेरेन्ट्स को देने जैसे कई निर्णय लिए गए।

यहां जिला कलक्टर ने कहा कि कोटा केयर्स अभियान के तहत स्टूडेंट्स को कैसे सुविधाएं व अच्छा माहौल मिल सके, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। कोटा में बढ़ते स्टूडेंट्स की संख्या के साथ ही बहुत अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर बन गया है। शहर के अलग-अलग इलाकों में बच्चों को बेहतर केयरिंग के साथ आवास व्यवस्था दी जा सकती है, जो थोड़ी दिक्कतें आती थी, उनका समाधान कर लिया गया है। हॉस्टल्स और पीजी को जिला प्रशासन की गाइड लाइन के अनुसार निर्धारित मापदण्ड पूरे करने होंगे। इन मापदण्डों को लेकर भी गाइड लाइन जारी कर दी गई है। हमें विश्वास है कि कोटा में स्टूडेंट्स को श्रेष्ठ कोचिंग के साथ श्रेष्ठ आवास व्यवस्था व वातावरण मिलेगा।

हॉस्टल एसोसिएशन के विश्वनाथ शर्मा, सुनील अग्रवाल व नवीन मित्तल ने कहा कि हॉस्टल व पीजी मिलकर स्टूडेंट्स की केयरिंग के नए आयाम स्थापित करेंगे। हॉस्टल्स में मापदण्ड पूरे किए जाएंगे। जिला प्रशासन व कोचिंग संस्थानों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेंगे।

कोटा में करीब 4 हजार हॉस्टल्स
कोटा में करीब 4 हजार हॉस्टल्स हैं, जो कि शहर के अलग-अलग इलाकों में स्थित हैं। इसमें नए कोटा में राजीव गांधी नगर, इन्द्रविहार, तलवंडी, जवाहर नगर, रोड नं.1 के साथ लैंडमार्क सिटी कुन्हाड़ी, कोरल पार्क सिटी बारां रोड शामिल हैं। एक अनुमान के अनुसार इन हॉस्टल्स में 1.50 लाख से अधिक स्टूडेंट्स के रहने की क्षमता है। इसके अलावा पीजी में भी करीब एक लाख विद्यार्थियों को रखने की क्षमता है।
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आती थी शिकायतें
जिला प्रशासन द्वारा जारी की गई हेल्पलाइन और अन्य प्लेटफार्म्स पर सर्वाधिक शिकायतें हॉस्टल्स की सिक्योरिटी और कॉशन मनी को लेकर आती थी। स्टूडेंट्स का सेशन पूरा हो जाता था और उन्हें किसी भी कारण से पैसा वापस नहीं किया जाता था। इसके साथ ही जो हॉस्टल्स कॉशन मनी लेते थे, उसके लिए भी कई शिकायतें आती थी। इसके साथ ही मार्च से मई के बीच बैचेज के ओवरलेप होने की स्थिति में भी स्टूडेंट्स से दुर्व्यवहार की शिकायतें आती थीं।

जिला प्रशासन द्वारा जारी की गई गाइड लाइन
कोटा केयर्स के तहत कोचिंग, हॉस्टल एवं पीजी के लिए सत्र 2025-26 के लिए सर्वसम्मति से लिए गए निर्णय-
– शहर के रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर कोटा केयर्स हेल्प डेस्क लगाई जाएगी, जहां स्टूडेंट्स व पेरेन्ट्स की मदद के लिए लोग बैठेंगे।
– कामयाब कोटा में रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद आवश्यकता होने पर एंटी हैंगिंग डिवाइस हॉस्टल एसोसिएशन, व कोचिंग संस्थानों द्वारा उपलब्ध करवाई जाएगी।
– हॉस्टल पीजी संचालकों को साथ जोड़ेंगे तथा उन्हें भी गेटकीपर ट्रेनिंग के लिए प्रेरित करेंगे।
– हॉस्टल संचालक कोचिंग स्टूडेंट्स से सिक्योरिटी तथा कॉशन मनी नहीं लेंगे।
– वन टाइम पास के आधार पर शहर के रिवर फ्रंट और ऑक्सीजोन में स्टूडेंट्स की विजिट वर्ष पर्यंत होगी, इसके लिए कोचिंग संस्थानों को प्रति विद्यार्थी जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित शुल्क केडीए को जमा करवाना होगा।
– मरम्मत शुल्क (मेंटिनेंस चार्जेज) 2 हजार (2000/-) रुपए प्रतिवर्ष के निर्धारित होगा, जो लौटाया नहीं जाएगा।
– हॉस्टल एसोसिएशन का फॉर्म विद्यार्थियों से अनिवार्य रूप से भरवाया जाएगा, जिसका कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
– हॉस्टल में कार्यरत हर कर्मचारी गेटकीपर प्रशिक्षण प्राप्त होगा।
– हॉस्टल में सीसीटीवी व बायोमेट्रिक्स सुचारू होना अनिवार्य होगा।
– हॉस्टल्स को एंटी हैंगिंग डिवाइस सर्टिफिकेट और फायर एनओसी लेना अनिवार्य होगा।
– स्टूडेंट को रूम खाली करने से एक महीना पहले सूचित करना होगा। विद्यार्थियों द्वारा एडवांस में दिया गया किराया हॉस्टल शिफ्टिंग के समय एडजस्ट करना होगा,
– विजिटर्स रजिस्टर नियमित रूप से मेंटेन करना होगा।
– नाइट अटेंडेंस मैनुअल होगी, जो कि बच्चों के कमरों में जाकर की जाएगी।
– हॉस्टल से संबंधित नियमों को हॉस्टल रिसेप्शन पर चस्पा करना होगा।
– सिक्योरिटी गार्ड निर्धारित यूनिफार्म में होगा।
– पेरेन्ट्स को पेमेंट की रसीद देना अनिवार्य होगा।
– मिड टर्म में वैकेशन्स में फूड देना ही होगा।
– गर्ल्स हॉस्टल में पुरुषों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। वार्डन महिला ही होगी।
– मेडिकल इमरजेंसी पर फेसेलिटी देनी होगी।
– सभी हॉस्टल में स्टूडेंट्स के लिए रिक्रिएशनल एरिया डवलप किया जाएगा।

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