
-राष्ट्रीय सेवा योजना
-पोस्टर प्रतियोगिता एवं व्याख्यान सत्र का आयोजन
कोटा। राजकीय कला महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना की चारों इकाइयों एवं नेहरू युवा केंद्र की संयुक्त तत्वाधान में नशा मुक्ति जागरूकता कार्यक्रम के तहत पोस्टर निर्माण प्रतियोगिता एवं व्याख्यान सत्र का आयोजन किया गया।
निर्णायक मंडल में प्रोफेसर निधि शर्मा, श्रीमती कल्पना शर्मा, डॉ अमिताब बासु सम्मिलित रहे। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर जय कुमार कक्षा बी.ए. तृतीय वर्ष, द्वितीय स्थान पल्लवी गोचर कक्षा बी.ए. प्रथम सेमेस्टर, तृतीय स्थान दीपिका सुमन कक्षा बी.ए. प्रथम सेमेस्टर, सांत्वना पुरस्कार अजय मीना कक्षा बी.ए. तृतीय सेमेस्टर रहे। मुख्य अतिथि प्रो.गीताराम शर्मा ,सहायक निदेशक कॉलेज शिक्षा कोटा जिला रहे। अध्यक्षता महाविद्यालय प्राचार्य प्रो. रोशन भारती ने की। विशिष्ट अतिथि सामाजिक न्याय एवम् अधिकारिता विभाग से शुभम नागर, पंकज शर्मा जी समाज सेवक, नेहरू युवा केंद्र के प्रमुख सचिन पाटोदिया एवं मेडिकल कॉलेज की सह आचार्य डॉ मिथिलेश खींची, जिला समन्वयक रासेयो कोटा जिला डॉ रीना मीना रही। मुख्य अतिथि प्रो. गीताराम शर्मा ने अपने भाषण में कहा कि नशा मुक्ति अभियान का उद्देश्य समाज को जागरूक करना है। शराब जो राक्षस बना देती है, मदिरा मरघट दिखाने का रास्ता, वाइन-ज्ञान विज्ञान पैसा प्रतिष्ठा सबका नाश करने वाली है। नसों को जाम करने वाला नशा है वह चाहे किसी का हो शराब, बीड़ी, लाल दांत मंजन या मोबाइल। लत सबकी बुरी है। राजकीय मेडिकल कॉलेज की सह आचार्या डॉ मिथिलेश खींची ने अपने व्याख्यान में नशे के प्रकार, उसके परिणाम से सबको अवगत कराया। नशा आवश्यक वस्तु नही है सिर्फ शौक के लिए इन्हें शुरू किया जाता है और धीरे धीरे लत बन जाती है, जिसके बिना आपको लगता है आप रह नही सकते जबकि यह मनोवैज्ञानिक समस्या है शरीर की आवश्यकता नही है। गेमिंग, मोबाइल, इंटरनेट की लत ये सभी व्यवहारिक नशा है जो आपको अपना आदी बना देता है। सामाजिक न्याय एवम अधिकारिता विभाग से आये शुभम नागर जी ने कहा कि नशा एक ऐसा अदृश्य शत्रु है जो समाज मे विद्यमान है और प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है। नशे की लत अनचाहे ही हमे लग जाती है। किसी को नशा अच्छा दिखता है किसी को बुरा ये हमारे ऊपर है कि हम किसका नशा करते है। हमे अपने कैरियर, समाज सुधार ऐसी चीजों का नशा करने चाहिए जो लाभदायक हो। नेहरू युवा केन्द्र के जिला अधिकारी सचिन पाटोदिया जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि नशे से व्यक्ति का जीवन एवं भविष्य खराब हो जाता है। उसकी परिवार, कार्यालय, बच्चों तथा समाज के प्रति भूमिका समाप्त हो जाती है। नशीले पदार्थों का समाज में तेजी से चलन बढ़ रहा है। जिसकी चपेट में नवयुवक आ रहे हैं। युवाओं में विशेष कर स्कूल/ कॉलेज के छात्र-छात्राओं में नशे की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है। पंकज शर्मा जी ने कहा कि चाय भी नशा है जिसे हम दूर करना चाहिए। डॉ रीना मीना जिला समन्वयक कोटा जिला ने बताया कि नशे के विरुद्ध जागरूकता फैलाने का कार्य विद्यार्थियों के माध्यम से हो सकता है आप अपने गली मोहल्ले समाज मे कार्य कर सकते हैं। नशा मुक्ति केंद्र की जानकारी नशे से ग्रस्त व्यक्तियों को दे सकते हैं उन्हें वहां ला सकते हैं ताकि उन्हें नशे से मुक्त किया जा सके। कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो. रोशन भारती ने बताया कि नशा नही शान का काम कीजिये नशा जरूरी है लेकिन वह नशा जो राष्ट्र निर्माण के काम आए। नशा एक ऐसा पदार्थ है जिसके प्रयोग से मानव शरीर खोखला हो जाता है। शरीर की ताकत नशे की भेंट चढ़ जाने के कारण कैंसर, जिगर का खराब होना, फेफड़ों, दिल की बीमारी, शरीर का कमजोर होना, याददाश्त कमजोर होना, एड्स, मानसिक रोग आदि की बीमारी शरीर में घर कर सकती है। नशे की आदत एक बीमारी है। ज्यादातर सामाजिक, मानसिक तथा आर्थिक रूप से कमजोर लोग ही इसका शिकार होते हैं। इस लिए उनसे सहानुभूतिपूर्ण रवैया अपनाना चाहिए। नशे में फंसे व्यक्ति का मनोबल बढ़ाना चाहिए तथा इलाज के लिए प्रेरित करना चाहिए। साथ ही यह प्रवृत्ति इनको अपराध घटित करने के लिए भी प्रेरित करती है। विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ रसीला रासेयो कार्यक्रम अधिकारी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ चंचल गर्ग कार्यक्रम अधिकारी रासेयो ने किया। कार्यक्रम का संयोजन रासेयो के कार्यक्रम अधिकारी डॉ समयसिंह मीना, डॉ रसीला, डॉ कल्पना श्रृंगी, डॉ चंचल गर्ग ने किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के वरिष्ठ संकाय सदस्य डॉ अमिताब बासु, प्रो. निधि शर्मा, प्रो. विवेक शंकर, प्रो. संदीप चौहान, प्रो .जतिंदर कोहली, डॉ विधि शर्मा, प्रो. मंजू जैन, प्रो. वंदना शर्मा, की उपस्थिति रही।