मंडी मजदूर का बेटा बनेगा डॉक्टर

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-बाड़मेर चौहट्टन के सोडियार गांव के देराजराम ने हासिल की नीट में एआईआर-285

राजस्थान के बाड़मेर में चौहट्टन क्षेत्र के सोडियार गांव निवासी देराजराम ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट 2025 में सफलता प्राप्त की है। देराजराम ने 720 में से 628 अंक हासिल कर ऑल इंडिया रैंक 285 हासिल की है। देराजराम के पिता घेवरराम मंडियों में पल्लेदारी कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। सीमित संसाधनों और आर्थिक तंगी के बावजूद देराजराम ने हार नहीं मानी और लगातार कोशिश करते रहा। एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट का रेगुलर क्लासरूम स्टूडेंट देराजराम डॉक्टर बनकर अपने गांव और क्षेत्र के लोगों की सेवा करना चाहता है। इस उपलब्धि से न सिर्फ उनका परिवार, बल्कि पूरा गांव गौरवान्वित महसूस कर रहा है। देराजराम की सफलता उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है जो विपरीत हालातों में भी लक्ष्य के लिए मेहनत करना नहीं छोड़ते।
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11 केवी लाइन से झुलसे पिता
देराजराम ने बताया कि मेरे पिताजी शारीरिक रूप से सक्षम नहीं है। उनको एक बार 11केवी लाइन से करंट लग चुका है, जिसकी वजह से उनके पैरों के तलवे खराब हो चुके हैं और अंगुलियां भी मुड़ी हुई हैं, जिसकी वजह से वे ज्यादा दिनों तक मजदूरी नहीं कर पाते। यदि एक महीने काम किया तो फिर उनको करीब एक महीने का रेस्ट करना होता है।
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टीचर ने फाइल फेंकी तो दुबारा कॉलेज नहीं गया
देराजराम ने बताया कि मैं डॉक्टर ही बनना चाहता था लेकिन परिवार की स्थिति ऐसी नहीं थी कि कोचिंग करा सकें। मैंने वर्ष 2021 में 12वीं कक्षा के साथ नीट का एग्जाम खुद तैयारी करके दिया था, जिसमें 148 अंक आए थे। इसके बाद मैंने बीएससी में एडमिशन ले लिया था लेकिन मन में कहीं न कही डॉक्टर नहीं बन पाने की कसक थी। इसलिए बीएससी के साथ नीट की तैयारी भी जारी रखी। जब बीएससी फर्स्ट ईयर के प्रेक्टिकल चल रहे थे तब एक फाइल में डायग्राम गलत बन गया था तो टीचर ने गुस्से में फाइल उठाकर फेंक दी। इसके बाद मैं घर आ गया और दुबारा कॉलेज नहीं गया। घर वालों से बोला कि मुझे डॉक्टर ही बनना है। नीट 2022 दिया और इस बार 380 अक आए तो मेरा आत्मविश्वास मजबूत हो गया। मैंने ठान लिया कि कैसे भी कर के कोटा जाकर ही तैयारी करूंगा। नीट की तैयारी के दौरान देराजराम की परफॉर्मेन्स एवं आर्थिक स्थिति को देखते हुए एलन ने फीस में रियायत दी। वर्ष 2024-25 के दौरान एलन ने फीस में 90 प्रतिशत तक छूट दी।
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घर से भागकर कोटा आया
देराजराम ने बताया कि 19 जुलाई 2022 को घर में काफी झगड़ा हुआ। मैं कोटा आना चाहता था। पापा से बोला कि किसी से उधार लेकर मुझे कोटा में कोचिंग करा दो लेकिन वो नहीं माने। फिर मैंने कहा कि आप तो जाने का किराया दे दो। वहां कोई तो कोचिंग होगी जो कि मेरी समस्या समझेगी। मैं 2 हजार रूपए लेकर कोटा आया। यहां एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट में बीपीएल कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड सहित अन्य डॉक्यूमेंट्स दिखाए तो फीस में छूट मिल गई। इसके बाद मैंने पापा को कॉल किया और उनसे कहा कि एक साल दे दो। कैसे भी पैसों की व्यवस्था कर दो। हमारे घर के आस-पास ठेकेदार कागाराम जी रहते हैं। वे मदद के लिए तैयार हो गए। तीन साल तक फीस सहित खाने-ठहरने का सारा खर्चा उन्होनें वहन किया। नीट 2023 में 575 मार्क्स आए और एआईआर 45099 थी लेकिन मेडिकल कॉलेज नहीं मिल सका। हिम्मत नहीं हारी और एक बार फिर नीट 2024 दिया। इस बार 650 अंक और 26351 एआईआर रही। अंकों में और रैंक में लगातार सुधार हो रहा था, सिर्फ इसी वजह से मुझे विश्वास था कि सफलता ज्यादा दूर नहीं।
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शिक्षा में अभाव बाधा नहीं बने
एलन के निदेशक डॉ.नवीन माहेश्वरी ने कहा कि हमारा प्रयास रहता है कि किसी भी प्रतिभावान विद्यार्थी की शिक्षा की राह में निर्धनता व अन्य अभाव बाधा नहीं बने। देराजराम व अन्य प्रतिभाओं के लिए एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट सदैव तत्पर रहता है। विभिन्न योजनाओं के माध्यम से भी ऐसे विद्यार्थियों की मदद की जा रही है जिससे समाज में बदलाव आ सके। गांव-ढाणी के बालक-बालिकाओं और उनके परिवारों के सपने पूरे हो सकें।

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