– परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर ऑनरेरी कैप्टन योगेन्द सिंह यादव ने किया स्टूडेंट्स को मोटिवेट
– सबसे कम उम्र में 19 साल में प्राप्त किया परमवीर चक्र
कोटा. मेरी तरह आप लोग भी योद्धा ही हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि मैं मां भारती की रक्षा के लिए योद्धा बना और आपको अपने सपनों को साकार करने के लिए योद्धा बनना है। यकीन मानिए एक योद्धा कभी हारता नहीं है। उसे अपनी मंजिल एक दिन मिल ही जाती है। यह कहना है परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर ऑनरेरी कैप्टन योगेन्द सिंह यादव का।
एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट प्राइवेट लिमिटेड में विद्यार्थियों के मोटिवेशन के लिए स्पेशल सेशन ‘योद्धा’ आयोजित किया जा रहा है। जवाहर नगर स्थित समुन्नत कैम्पस के समरस सभागार में हुए इस सेशन में कैप्टन यादव ने विद्यार्थियों को जिंदगी को सकारात्मकता के साथ जीने का संदेश दिया। एलन के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट सीआर चौधरी, वाइस प्रसीडेंट विजय सोनी ने पुष्पगुच्छ भेंटकर यादव का स्वागत किया।
गौरतलब है कि एलन के हर कैम्पस में यह मोटिवेशनल सेशन आयोजित किया जा रहा है, जिसमें कैप्टन योगेन्द्र यादव अपने अनुभव साझा कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में एलन कोटा के कई कैम्पस में 16 सेशन्स आयोजित किए जा चुके हैं, जिनमें 25 हजार से अधिक स्टूडेंट्स शामिल हो चुके हैं।
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लाइफ में तीन ‘पी’ होना जरूरी है
ऑनरेरी कैप्टन योगेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि लाइफ में तीन ‘पी’ होना जरूरी है। इसके आधार पर आगे बढ़ोगे तो कभी पीछे देखने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। पहला ‘पी’ है परपज… यानी उद्देश्य। आप जो भी काम कर रहे हैं, उसका उद्देश्य आपको पता होना चाहिए कि आप किसलिए इस काम को कर रहे हैं। जैसे मुझे बचपन से मेरा उद्देश्य स्पष्ट था कि मुझे सेना में जाना है। दूसरा ‘पी है पैशन…. यानी जुनून। आप डॉक्टर-इंजीनियर, जो भी बनना चाहते हैं, उस लक्ष्य को पाने के लिए आपमें जुनून होना जरूरी है। जैसे कारगिल युद्ध के दौरान मेरे दिल-दिमाग पर जुनून सवार था कि टाइगर हिल पर तिरंगा फहराना है। तीसरा पी है ‘परफॉर्मेन्स’ यानी प्रगति… आपकी प्रगति….. परपज के लिए पैशन के साथ काम करेंगे तो परफॉर्मेन्स अपने आप आ जाएगी। ये तीनों पी एक-दूसरे के पूरक हैं।
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मोबाइल से दूर रहिए
ऑनरेरी कैप्टन यादव ने कहा कि आप लोगों को सफलता प्राप्त करनी है तो मोबाइल से दूर रहना होगा। युवा लोग दिनभर सोशल मीडिया पर चैटिंग आदि में वयस्त रहते हैं। देर रात तक रील देखते रहते हैं। इससे सिर्फ आपका समय बर्बाद होगा। ऐसे कोई भी साधन जो आपका ध्यान भटकाते हैं, उनसे दूर रहिए। सुबह जल्दी उठिए लेकिन उसके लिए रात्रि में जल्द सोना जरूरी है। देर रात तक मोबाइल चलाएंगे तो सुबह जल्दी कहां से उठेंगे। सोशल साइट्स के अंधाधुंध इस्तेमाल से आप ना केवल दिग्भ्रमित होते हैं, बल्कि इससे आपका दिमाग भी थका हुआ रहता है।
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खुद को ऊर्जावान बनाइए
यादव ने विद्यार्थियों से कहा कि हमेशा मन में सकारात्मक विचार रखिए। इसके लिए आपको ऊर्जावान बनाना होगा और इसके लिए जरूरी है दिनचर्या को व्यवस्थित करना। रात्रि में 11 बजे तक सोकर सुबह 4 बजे उठने का प्रयास करें। शुरूआत में परेशानी होगी लेकिन, दो-चार दिन में बॉयोलॉजिकल क्लॉक अपने आप सेट हो जाएगी। सुबह उठकर मात्र 10 मिनट योगा कर लीजिए। इससे बाद पढ़ाई की शुरुआत करिए। इससे परफॉर्मेन्स सुधरने के साथ ही पूरे दिन आप ऊर्जावान बने रहेंगे। इससे आपका मन भी नियंत्रण में रहेगा। आप लोग सब्जेक्ट या टॉपिक को रटने की जगह समझिए। यदि एक बार समझ लिया पूरे जीवन वो टॉपिक आपको याद रहेगा।
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19 वर्ष की आयु में परमवीर चक्र
4 जुलाई 1999 को सूबेदार मेजर यादव ने जो बहादुरी दिखाई, वह भारतीय सेना के इतिहास में सुनहरे अक्षर में अंकित है। कैप्टन योगेन्द्र यादव को कारगिल युद्ध में टाइगर हिल के लिए हुई जंग के लिए परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था। देश में अब तक 21 योद्धाओं को यह सम्मान मिला है, जिसमें सबसे कम उम्र के योगेन्द्र यादव हैं, उन्हें मात्र 19 वर्ष की उम्र में यह सम्मान मिला। 21 में से 14 को मरणोपरांत तथा 7 को जीवंत यह सम्मान दिया गया। वर्तमान में परमवीर चक्र प्राप्त करने वाले तीन योद्धा जीवित हैं, जिनमें से कैप्टन यादव एक हैं। कारगिल युद्ध में योगेन्द्र सिंह यादव को 15 गोलियां लगी थी, इसके अलावा उनके शरीर पर दो हैंड ग्रेनेड के घाव थे और एक हाथ बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका था। बावजूद इसके यादव ने अपनी यूनिट के साथ टाइगर हिल पर तिरंगा फहराकर फतह हासिल की थी। उनका करीब एक साल तक सैन्य अस्पताल में इलाज चला था।

















