
-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। राजस्थान में हाडोती अंचल के किसानों के लिए जीवनदायिनी रेखा माने जाने वाली चंबल नदी की नहरों से आज सिंचाई के लिए पानी की निकासी शुरू कर दी गई।
प्रथम चरण में आज विधिवत पूजा-अर्चना करके सिंचित क्षेत्र विकास विभाग के अधिकारियों ने रबी सत्र में पलेवा के लिये आज दोपहर बाद दांई मुख्य नहर में किशोरपुरा हेड से पानी छोड़ दिया है। पानी की निकासी मार्च अंत तक चलेगी। इससे राजस्थान व मध्यप्रदेश के किसानों को फायदा होगा। हालांकि पिछले दिनों संभाग में बारिश हुई थी। ऐसे में पानी की जरूरत नहीं है। किसानों ने पानी की मांग भी नहीं की है।

अतिरिक्त क्षेत्रीय विकास आयुक्त (सीएडी-चंबल) नरेश मालव ने बताया सीएडी का कमांड एरिया 2.29 लाख हेक्टेयर है। इसमें से दाई मुख्य नहर से कोटा जिले के लाडपुरा, दीगोद,पीपल्दा, बारां जिले की अंता,मांगरोल, तहसील की 1.27 लाख हेक्टेयर जमीन में सिंचाई होती है। नहर में पानी की क्षमता 6600 क्यूसेक है। इसमें से आधे से ज्यादा पानी का हिस्सा मध्य प्रदेश को दिया जाता है। बाईं मुख्य नहर से कोटा जिले की लाडपुरा, बूंदी जिले की केशवरायपाटन, इंद्रगढ़ तहसील की 1.02 लाख हेक्टेयर जमीन में सिंचाई होती है। नहर की क्षमता 1500 क्यूसेक है।
दाई मुख्य नहर के 124 किलोमीटर पॉइंट पार्वती हेड पर तीन-चार दिन में पानी पहुंचने की संभावना है। एक नंबर से मध्यप्रदेश ने पानी की डिमांड की है। एमपी को पार्वती हेड से पानी दिया जाएगा।
इससे पहले नहरी टेल इटावा क्षेत्र के किसानों को सरसों की बुवाई के लिए पानी दिया जाएगा। इसके लिए नहर की इटावा ब्रांच में पानी छोड़ा जाएगा। उसके बाद अयाना,अंता,पलायथा,
डाबर,दीगोद,कल्याणपुरा,मानसगांव,किशनपुरा समेत ब्रांच डिस्ट्रीब्यूटरों में पानी छोड़ने की किसानों की डिमांड आने पर एक एक में पानी छोड़ दिया जाएगा।