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-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। राजस्थान के कोटा में दशहरा मेला के दौरान सीमित पैमाने पर देवनारायण पशुपालक एकीकृत आवासीय योजना क्षेत्र में पशु मेला आयोजित करने के फैसले को लेकर विवाद गहरा गया है। कोटा दशहरा मेला समिति ने लम्पी रोग के संक्रमण के बावजूद सीमित स्वरूप में रावतभाटा रोड स्थित देवनारायण पशुपालक एकीकृत आवासीय योजना क्षेत्र में पशु मेला आयोजित करने पर सहमति जता दी है,वहीं कोटा नगर निगम की गौशाला समिति के अध्यक्ष ने इस फैसले से कोटा के मवेशियों में लम्पी रोग के संक्रमण की आशंका जताते हुए दशहरा मेला आयोजन समिति के फैसले पर कड़ा एतराज प्रकट किया है। पिछले सप्ताह हुई मेला समिति की बैठक में राज्य सरकार के निर्देशानुसार पशु मेला आयोजित नहीं करने के फ़ैसले की पालना करना तय किया लेकिन सीमित स्वरूप में देवनारायण पशुपालक एकीकृत आवासीय योजना क्षेत्र के समीप यह मेला आयोजित करने पर सहमति बनी हुई। इस पर कोटा नगर निगम (दक्षिण) की गौशाला समिति ने कोटा दशहरा मेले के दौरान सीमित स्तर पर भी पशु मेला लगाने पर कड़ी आपत्ति जताई।

पशु मेला लगाने का एकतरफा फैसला करने का आरोप

समिति के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह जीतू ने आज बताया कि गायों में संक्रामक रोग लम्पी को देखते हुए राज्य सरकार ने पूरे राजस्थान में पशु मेलों के आयोजन पर रोक लगा रखी है ताकि संक्रमित मवेशियों से अन्य मवेशियों में यह रोग नहीं फ़ैले और इसी के तहत कोटा दशहरा मेले में भी इस बार विधिवत पशु मेले का आयोजन नही किया जा रहा है। श्री जितेंद्र सिंह ने इस बात पर गहरा रोष जताया कि इस रोक के बावजूद दशहरा मेला समिति ने देवनारायण पशुपालक एकीकृत आवासीय योजना क्षेत्र में सीमित स्तर पर पशु मेला लगाने का एकतरफा फैसला कर लिया और इस बारे में गौशाला समिति से राय लेना तक जरूर नहीं समझा जबकि निगम की ओर से कोटा में संचालित सबसे बड़ी गौशाला बंधा-धर्मपुरा गांव में है जो इस आवासीय योजना परिसर क्षेत्र से ज्यादा दूर नहीं है।

कोटा में मवेशियों में संक्रमण फैलने की आशंका

श्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि मेला समिति के इस एकतरफा फैसले से कोटा में मवेशियों में संक्रमण फैलने की आशंका है जो श्यामपुरा बस्ती के एक मामले को छोड़कर अब तक इस रोग के प्रकोप से बचा हुआ है। उन्होंने इस बात पर क्षोभ प्रकट किया कि गौशाला समिति मवेशियों को लम्पी रोग के संक्रमण से बचाने के लिए पुरजोर प्रयास कर रही है और इसके तहत निगम की ओर संचालित सबसे बड़ी बंधा-धर्मपुरा की गौशाला सहित किशोरपुरा गौशाला में रखे गए सभी 2325 मवेशियों को संक्रमण से बचाव के लिए शत-प्रतिशत टीके लगाए जा चुके हैं लेकिन इसके विपरीत दशहरा मेला समिति सीमित आकार में ही सही,लेकिन पशु मेला लगाने पर आमादा है,जो गलत है।

गौशाला समिति के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों को विश्वास में लेकर उनसे राय लेना तक जरूरी नहीं समझा

श्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि मेला समिति ने यह फैसला करने से पहले इस बारे में गौशाला समिति के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों को विश्वास में लेकर उनसे राय लेना तक जरूरी नहीं समझा और पशु मेला आयोजन का एकतरफा फैसला कर लिया जबकि यह सर्वविदित है कि यदि पशु मेला आयोजित हुआ तो प्रदेश के दूसरे हिस्सों से बिकवाली के लिए कोटा में मवेशियों का आगमन होगा और यह तय करना मुश्किल हो जाएगा कि कौन सा मवेशी संक्रमित है अथवा कितने मवेशियों का लम्पी के संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण हो चुका है। उन्होंने बताया कि वे इस पशु मेले के आयोजन के संबंध में नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री श्री शांति धारीवाल से अनुरोध करेंगे। श्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि कोटा की दोनों प्रमुख गौ शालाओं बंधा-धर्मपुरा और किशोरपुरा में रखे गये पशुधन को लिम्पी रोग के संक्रमण से बचाने के हर संभव प्रयास कर रहे है और पिछले दो दिनों में अब तक दोनों गौशालाओं में रखे गये सभी मवेशियों का टीकाकरण किया जा चुका है।

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