-द ओपिनयिन-
इस हैडिंग के विपरीत यह फोटो दर्शाती है कि नगर विकास न्यास की देवनारायण योजना पूरी तरह फ्लाप साबित हुई है। शहर की पॉश कॉलोनी दादाबाडी में दर्जनों गाय-सांड और श्वान स्वच्छंद विचरण करते दिखाई देते हैं। यह फोटो हमारे एक सुधि पाठक ने अभी क्लिक कर भेजी है जिसमें स्पष्ट है कि एक ही जगह पर एक नहीं तीन मवेशी विचरण कर रहे हैं। इन मवेशियों और आवारा श्वानों की वजह से न केवल दुर्घटनाओं की आशंका होती है बल्कि इनके मल-मूत्र से गंदगी भी पसरी रहती है। सफाई का हाल तो देश में प्रति वर्ष घोषित होने वाली स्वच्छता रैंकिंग से ही सभी को पता चल जाता है। जिसमें कोटा निचले पायदान पर रहता है। यदि वाकई शहर को स्वच्छ और मवेशी मुक्त करना है तो नगर निगम प्रशासन को सख्ती दिखानी होगी। इंदौर, सूरत जैसे शहरों से सीखना होगा कि क्या मजाल जो मवेशी सडकों पर आ जाएं। यहां तो जो मवेशी घूमते हैं उनमें अधिकांश पालतू हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि इनके मालिक दूध दुहने के बाद गंदगी करने के लिए सडकों पर धकेल देते हैं।