तुझको मोती मुहब्बत के मिल जायेंगे। दिल की गहराइयों में उतर तो सही।।

shakoor anwar
शकूर अनवर

ग़ज़ल

-शकूर अनवर-

नाम रोशन ज़माने में कर तो सही।
तू भी सूली से इक दिन गुज़र तो सही।।
*
तुझको मोती मुहब्बत के मिल जायेंगे।
दिल की गहराइयों में उतर तो सही।।
*
जिसके क़ब्ज़े में साॅंसों की डोरी तेरी।
उससे कुछ ख़ौफ़ खा उससे डर तो सही।।
*
तीरगी* से निकल रोशनी की तरफ़।
अपना दामन सितारों से भर तो सही।।
*
फिर मरुस्थल का विस्तार मिल जायेगा।
पहले कण कण की सूरत बिखर तो सही।।
*
अपनी मंज़िल की जानिब क़दम तो बढ़ा।
रेत के जंगलों से गुज़र तो सही।।
*
फिर ये आकाश भी तेरा हो जायेगा।
पहले दुनिया से “अनवर” गुज़र तो सही।।

*
तीरगी* ॲंधेरा,

*
शकूर अनवर
पता शमीम मंज़िल सेठानी चौक
श्रीपुरा कोटा 324006 राज
Mob 9460851271

Advertisement
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments