संसार को मानकर चलें

-प्रो. विवेक कुमार मिश्र

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डॉ. विवेक कुमार मिश्र

संसार को समझने के लिए
कोई और नहीं आयेगा
किसी और ग्रह का प्राणी
संसार का नहीं हो सकता
न ही संसारी संसार को
कोई और समझा सकता
संसार की संसारी ही व्याख्या कर सकता
वे कभी संसार को जान नहीं सकते
जो संसार में रहते हुए
संसार को असत्य घोषित करते रहे हैं
वे भी कुछ नहीं कर सकते
जो संसार में आंख मुंदकर रहते हुए
संसार की बातें करते हैं
भाई ! आप कुछ करें या न करें
संसार को संसार मानकर चलें
यह संसार है और इसे
संसार सत्य की तरह ग्रहण करते चलें ।

– प्रो. विवेक कुमार मिश्र

आचार्य हिंदी
राजकीय कला महाविद्यालय कोटा
एफ -9 समृद्धि नगर स्पेशल बारां रोड कोटा -324002

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