स्त्री की हंसी में उतरता है वसंत

flowers

मौसम

-राम स्वरूप दीक्षित-

ram swaroop dixit
रामस्वरूप दीक्षित

———–
सरसों के फूलों पर नहीं
स्त्री की हंसी में
उतरता है वसंत

पतझड़
उसके उदास चेहरे की संज्ञा है

सारे मौसम और ऋतुएं
गुजरती हैं
स्त्री के चेहरे से होकर

स्त्री का
हंसता खिलखिलाता चेहरा
बनाए रख सकता है
धरती पर
बारहों महीने वसंत

काश
कि हम वसंत के
इतने खिलाफ न होते
राम स्वरूप दीक्षित

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