इसको तुम क़ाबू में रक्खो। दिल का खोना ठीक नहीं है।।

zaidi water
फाइल फोटो एएच जैदी

ग़ज़ल

-शकूर अनवर-

shakoor anwar
शकूर अनवर

ऐसा होना ठीक नहीं है।
इतना रोना ठीक नहीं है।।
*
इसको तुम क़ाबू में रक्खो।
दिल का खोना ठीक नहीं है।।
*
जीवन को आसान बनाओ।
पर्बत ढोना ठीक नहीं है।।
*
प्यार में रक्खो सिर्फ़ भरोसा।
जादू- टोना ठीक नहीं है।।
*
फ़स्ल उगेगी मायूसी* की।
ऑंसू बोना ठीक नहीं है।।
*
ठीक है हमको रोज़ी-रोटी*।
चाॅंदी सोना ठीक नहीं है।।
*
टूट चुका है अब दिल मेरा।
अब ये खिलौना ठीक नहीं है।।
*
रात कटेगी तारे गिनकर।
दिन को सोना ठीक नहीं है।।
*
ख़्वाब ख़ुशी के देखो “अनवर”।
रोना-धोना ठीक नहीं है।।
*
शब्दार्थ:-
मायूसी* यानी निराशा
रोज़ी-रोटी*काम धंधा रोज़गार
शकूर अनवर
9460851271

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