
-विष्णु देव मंडल-

(स्वतंत्र पत्रकार, चेन्नई)
चेन्नई। तमिलनाडु में उत्तर पूर्व मानसून आने में महज कुछ दिन बाकी हैं और मौसम का मिजाज हर दिन बदल रहा है। कभी तेज धूप तो कभी उमडते घुमड़ते बादलों के बीच तेज बारिश होने से जलजमाव, और मच्छर जनित रोगों का आगमन हो चुका है। तेज धूप, उमस, सर्द- गर्म आदि के कारण लोगों में तेज बुखार,खांसी, सर्दी-जुकाम, सरदर्द गले में खराश ,शरीर में जकड़न की समस्याएं आम हो गई हैं। चेन्नई महानगर के अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ रही है। खासकर बच्चों में कफ,खांसी, सर्दी- जुखाम सरदर्द जैसे बीमारियां अधिक हो रही हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार मौसमी बीमारी (H1- N1) वायरस के साथ-साथ डेंगू और कोरोना संक्रमित रोगियों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है, गवर्नमेंट चिल्ड्रन हॉस्पिटल एगमोर में हर दिन सैकड़ों एच वन एन वन संक्रमित रोगी भर्ती हो रहे हैं वहीं अन्य अस्पतालों में भी मौसमी बीमारी से पीड़ित लोगों की संख्या में इजाफा हुआ है।
चिंतित होने की जरुरत नहीं
हालांकि तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री एम सुब्रमणियम ने कहा तमिलनाडु में एच वन एन वन वायरस से पीड़ित रोगियों के बढती संख्या से बिल्कुल चिंतित नहीं होना है। शहर में, हर साल बरसात के दिनों में खांसी सर्दी और बुखार से पीड़ित रोगियों की संख्या मे इजाफा होता रहता है। इसमें चिंता की कोई बात नहीं है। रोगियों के मुकम्मल उपचार के लिए महानगर में 100 से भी अधिक जांच फीवर कैंप खोले जा रहे हैं,जहां H1- N1 पीड़ित रोगियों का जांच की जाएगी।
आमजन में जागरूकता जरूरी
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि लोगों को जागरूक करना जरूरी है। बदलते मौसम के कारण लोगों में खांसी ,कफ बुखार आने पर वह मास्क लगाएं, समाजिक दूरी बनाए रखें, डॉक्टर से चेक कराने के बाद ही दवाएं लें। यह जानना बेहद जरूरी है कि आखिर रोगियों में असल बीमारी क्या है। क्या रोगी एच वन एन वन वायरस से पीड़ित है या फिर उनमें कोविड महामारी का लक्षण है। स्वास्थ्य मंत्री ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि लोग अपने स्वास्थ्य के लिए जागरूक नहीं होते हैं। तेज बुरा बुखार सर्दी जुखाम आने पर डिस्पेंसरी में जाकर दवा लेते हैं वह किसी तरह की जांच करवाने से परहेज करते हैं। यही वजह है कि अस्पतालों में रोगियों की भीड़ बढ रही है। तमिलनाडु में अब तक 6800 लोगों को फीवर कैंप में जांच कराए हैं, उन्होंने यह भी कहा कि जिस इलाके में H1- N1 वायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या अधिक है वहां अधिक से अधिक स्वास्थ्य कैंप लगाया जाए!
–मेरे बच्चे को पिछले 1 सप्ताह से सर्दी खांसी जुकाम है। बुखार भी आ जा रहा है डॉक्टरों से दिखाया है लेकिन दवाएं में देने के बावजूद में बच्चे में बुखार आने जाने का सिलसिला जारी है लगता है अब हमें बच्चे को ब्लड टेस्ट करवाने चाहिए
जे सीतल कुमार, शर्मा नगर निवासी
–पिछले दिनों बारिश में भीग जाने के बाद सर्दी खांसी और बुखार लगने लगा। पैरों में जकडन होने लगी। प्राइवेट क्लीनिक में डॉक्टरों से दिखाने के बावजूद भी सर्दी जुकाम ठीक नहीं हो रहा है। डॉक्टर ने कहा था की वायरल फीवर है लेकिन एक सप्ताह दवा कराने के बावजूद भी स्वस्थ नहीं हो पाया!
सुबोधकांत, एक पीड़ित पुझल
डॉक्टर के निर्देश पर ही लें दवा
महानगर में बुखार सर्दी जुकाम सर दर्द जैसी समस्या लोगों में आम हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग ने जांच में पाया है कि शहर में सर्वाधिक मरीज H1- N1 वायरस का शिकार हैं जबकि डेंगू और कोविड के मरीज भी मिल रहे हैं। इसीलिए लोगों को सर्दी जुकाम खांसी गले में खराश बुखार आने पर उन्हें डॉक्टर के निर्देशानुसार उचित जांच कराने के बाद ही दवा का प्रयोग करना चाहिए। शहर में को भी डेंगू और अन्य मच्छर जनित रोगों का भी आगमन हो चुका है।
डॉ एल गणेशन
















