‘हाडोती के किडनी रोगियों को मिलेगी मुफ्त डायलिसिस की सुविधा …’

39d87a10 ba25 41a5 98f8 5409cfce1c28

-एक करोड़ की लागत से गोविन्दराम जी ने लगाई 6 मशीनें

-धीरेन्द्र राहुल-

dhirendra rahul
धीरेन्द्र राहुल

आज मैं आपको ऐसे लाजवाब इंसान से परिचित करवाने जा रहा हूं, जो अपने स्माल स्केल व्यापार के साथ हमेशा समाज के लिए कुछ नया करने का जज्बा रखते हैं। इनका नाम है- गोविन्दराम मित्तल। ईश्वर ने इन्हें निमित्त बनाया है तो ये आज हाडोती के किडनी ( गुर्दा रोगियों ) को मुफ्त डायलिसिस की सुविधा देने जा रहे हैं।

गोविन्द राम जी का संगठन कौशल अद्भुत है।वे कोटा स्माल स्केल इंडस्ट्रीज के संस्थापकों में से एक रहे हैं। बाद में संरक्षक का गुरुतर दायित्व भी संभालते रहे। 35 साल पहले उन्होंने अपने सेवाभावी साथियों की मदद से मानव सेवा समिति का गठन किया। डिस्पेंसरी के नाम से नगर विकास न्यास से गोबरिया बावड़ी चौराहे के कोने पर जमीन एलाॅट करवाई और निरोगधाम अस्पताल चालू कर दिया। अब उसका नाम मेनकाइंड हास्पिटल है। यह अस्पताल रियायती दरों पर चिकित्सक परामर्श और जांच की सुविधाएं उपलब्ध करवाता है। कोचिंग छात्रों का उपचार आधी दरों पर किया जाता है।

पिछले 35 साल से अस्पताल को अच्छी तरह संचालित करने के बाद अब वे इस स्थिति में आए हैं कि एक करोड रूपए की लागत से डायलिसिस करने की 6 मशीनें खरीदी हैं। ये सभी मशीनें अत्याधुनिक हैं। तकनीशियनों की एक प्रशिक्षित टीम इन्हें चलाने के लिए तैयार है। शुरुआत में ये मशीने 12 घण्टे की शिफ्ट में काम करेगी। बाद में 24 घण्टे सेवा देने के बारे में विचार किया जाएगा

गोविन्द राम जी का कहना था कि राजस्थान सरकार की RGHS स्कीम के लिए आवेदन किया गया है। जब तक वहां से स्वीकृति नहीं मिलती, तब तक गुर्दा मरीजों की मुफ्त में डायलिसिस की जाएगी। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद उस योजना के तहत मरीजों को राहत पहुंचाई जाएगी।

गोविन्दराम जी फिजिशियन और सर्जन डाॅ वीडी शर्मा को याद करते हैं, जिन्होंने हजारों मरीजों की शल्य चिकित्सा कर उन्हें राहत पहुंचाई। अभी अस्पताल में फिजिशियन और सर्जन के साथ आंखों और दांतों की विशेषज्ञ सेवाएं उपलब्ध करवा रहे हैं। भविष्य में मेनकाइंड हास्पिटल को मल्टीस्पेशलिटी सेवाओं के लिए विकसित किया जाएगा।

गोविन्दराम जी ही हैं जो कोटा में गोकास्ट का कांसेप्ट लेकर आए। शव दहन के लिए लकड़ियों की जरूरत पड़ती है और लकड़ियों के लिए जंगल पर कुल्हाड़ा चलता है। इसलिए मशीनों की सहायता से गोबर से बने गो कास्ट की परम्परा उन्होंने शुरू की। अच्छी बात यह है कि इस नवाचार को लोगों ने कोटा में अपना लिया है।

एक पत्रकार के रूप में मैंने स्माल स्केल इंडस्ट्रीज के बीसियों कार्यक्रमों को रिपोर्ट किया है। मंच पर दसियों व्यापारी नेता होते थे लेकिन जिस तैयारी और शालीनता के साथ गोविन्दराम जी लघु उद्योग की समस्याओं को रखते थे, वह काबिले तारीफ था। वे पूरा होमवर्क करके आते थे और तथ्यों और विधिक पृष्ठभूमि के साथ अपनी बात रखते थे। खबर की हेडलाइंस उन्हीं के संबोधन से निकलती थी। एक बार रीको के अध्यक्ष पीएन भणडारी के समक्ष उन्होंने इतने प्रभावशाली तरीके से बात रखी कि वे अधिकांश मांगें मंजूर कर गए थे। मैं उन्हें इस महत्वाकांक्षी सोपान के लिए शुभकामनाएं और धन्यवाद दोनों समर्पित करता हूं।

Advertisement
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments