सनातन धर्म पर उंगली उठाकर असल मुद्दे से ध्यान भटकना चाहती है डीएमके

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-विष्णुदेव मंडल-

चेन्नई। तमिलनाडु में बहुतेरी ऐसी समस्याएं हैं जिन पर बहस और उनका समाधान होना चाहिए। लेकिन पिछले शनिवार से तमिलनाडु और देश के अन्य हिस्सों में सनातन धर्म पर राजनीति हो रही है। राजनीतिक दल एक दूसरे पर आरोपों की बौछार कर रहे हैं। यह विवाद शनिवार को शुरू हुआ था जब तमिलनाडु के खेल मंत्री एवं मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के पुत्र उदय निधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना से कर दी और उन्होंने घोषणा की कि यह सनातन धर्म का सिर्फ विरोध करने की नहीं बल्कि इसे नष्ट करने की जरूरत है।
इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और प्रवक्ताओं ने देश भर में इस विवाद फैलाने का प्रयास किया। इस मामले में कई साधु संत भी कूद पड़े।

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ए राजा

दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि जहां उदय निधि स्टालिन सनातन धर्म को डेंगू मलेरिया और कोरोना से तुलना कर रहे थे वहीं डीएम के नेता और पूर्व केंद्रीय संचार मंत्री ए राजा ने सनातन धर्म की तुलना एचआईवी एड्स और कुष्ठ रोग से कर दी है। उन्होंने प्रधानमंत्री समेत भाजपा को चुनौती दी है कि प्रधानमंत्री विदेश जाने के बजाय सनातन धर्म पर हमसे चर्चा करें हम बताएंगे कि आखिर सनातन धर्म क्या है और यह धर्म सिर्फ गरीबों और पिछडे समुदाय दलित समुदाय का शोषण करता है। जात-पात छुआछूत का भेद करता है।
पूर्व मुख्यमंत्री एआईएडीएमके महासचिव पलनीस्वामी का कहना है कि मौजूदा डीएमके सरकार ने असल मुद्दे से ध्यान भटकने के लिए यह सनातन धर्म के खिलाफ आवाज उठाई है। दशकों तक राज्य की सत्ता में एवं केंद्र के सरकार के साथ सरकार चलाने वाली डीएमके को अब सनातन धर्म की खामियां नजर आ रही है। यह इंडिया अलाइंस का रणनीति का हिस्सा है ताकि अल्पसंख्यक का वोट पोलराइ्ज हो सके और सनातन धर्मी आपस में बंट जाए। अपने भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए यह प्रपंच रचा जा रहा है। कैबिनेट के कई मंत्री भ्रष्टाचार में लिप्त है दो मंत्री जेल में है और सरकार सनातन धर्म पर अगली उठा रहा है जो सदियों से चली आ रहा है।
पूर्व भाजपा अध्यक्ष एवं तेलंगाना के राज्यपाल तमिलईसै सौंदर्यराजन ने उदय निधि स्टालिन पर सवाल उठाते हुए कहा कि आप किस हैसियत से तमिलनाडु में मंत्री पद पे हो। यदि सनातन धर्म में जात-पात उंच नीच है तो फिर तमिलनाडु में कई ऐसे विधायक थे जो कई बार जीत कर विधानसभा पहुंचे हैं उनको मंत्री बनाने के बजाय आपको मंत्री क्यों बनाया गया। उन्होंने सवाल किया अगर सनातन धर्म इतना ही बुरा है तो फिर आपकी माता जी श्री दुर्गा स्टालिन मंदिर क्यों जाती है। पिछले विधानसभा चुनाव में आपके माता-पिता मंदिरों में क्यों जाया करते थे। आपके पास है सवाल का जवाब।
भाजपा तमिलनाडु के अध्यक्ष के अनामालै ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को चुनौती दी कि वह सनातन धर्म के खिलाफ ही चुनाव लड़के देखें। दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। एक तरफ सनातन धर्म को गाली देते हैं दूसरी तरफ मंदिरों का चक्कर लगाते हैं। यह कैसी राजनीति है? उन्होंने दावा किया इंडिया एलाइंस का मुंबई मीटिंग में संभवतः यही चर्चा हुई कि अल्पसंख्यकों को पोलराइज करो और हिंदुओं को बांटने की भरपूर कोशिश करो। इसी रणनीति पर इंडिया एलायंस के सभी दल काम कर रहे हैं ताकि आमजन भ्रमित हो सके। बहरहाल दिल्ली समेत देश के अन्य हिस्सों में उदय निधि स्टालिन के खिलाफ मामले दर्ज कर लिए गए हैं वहीं तमिलनाडु में भी यह मामला चर्चा का केंद्र बना हुआ है।
लेखक तमिलनाडु के स्वतंत्र पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं

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