-अखिलेश कुमार-

(फोटो जर्नलिस्ट)
कोटा। बाज की तरह शिकारी पक्षी चील (ब्लैक काइट) की वजह से ही राजस्थान विशेषकर हाडोती में हवाई जहाज को चील गाडी कहा जाता था। हालांकि पूरी दुनिया में इस प्रजाति की कुल संख्या 60 लाख के करीब मानी जाती है लेकिन यह कोटा शहर में कई स्थानों पर दिखाई दे जाता है। यह मध्यम आकार का शिकारी पक्षी है लेकिन आसमान से अपने शिकार पर तेजी से झपटता है। कोटा के किशोरपुरा इलाके में इन्हें समूह में देखा जा सकता है।

बाज की तुलना में ये आकार में छोटे और वजन में कम होते हैं। यह आमतौर पर दुनिया भर में गर्म क्षेत्रों में पाए जाते हैं। यह बहुत तेज उडती है और आसमान में बहुत ऊँचाई पर प्रायः बिना पर हिलाए चक्कर लगाया करती है। यह कीडे मकोडे, चूहे, मछलियाँ, गिरगिट और छोटे-छोटे पक्षी खाती है। यह अपने शिकार को देखकर तिरछे उतरती है और बिना ठहरे हुए झपट्टा मारकर उसे लेती हुई आकाश की ओर निकल जाती है। यह ऊँचे ऊँचे वृक्षों पर अपना घोसला बनाती है और पूस माघ में तीन चार अंडे दंती हैं। अपने बच्चों को यह दूसरे पक्षियों के बच्चे लाकर खिलाती है। यह बहुत जोर से ची-ची करती है इसी से इसका नाम चील पडा है ।