
-देवेंद्र यादव-

कांग्रेस को हर साल 50 नहीं बल्कि 100 कार्यकर्ता तैयार करने चाहिए, और इसके लिए कांग्रेस को प्रोफेशनल लोगों की जरूरत नहीं है। कांग्रेस परिवार इतना बड़ा है कि अपने परिवार को ही यदि ढूंढ निकाले तो कांग्रेस को किसी अन्य की तरफ देखने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
सत्ता और संगठन पर पीढ़ी दर पीढ़ी कुंडली मारकर बैठे नेताओं के कारण कांग्रेस परिवार के लोग कुंठित होकर अपने घरों में बैठे हैं। यह परिवार गांधी परिवार की तरफ हसरत भरी नजरों से देख रहे हैं और इंतजार कर रहे हैं कि उनके मकान की बंद खिड़की और दरवाजों पर गांधी परिवार की आवाज सुनाई देगी और कहेगी कि अब तुम उठो संघर्ष करो और आगे बढ़ो और कांग्रेस को मजबूत करो। बीच-बीच में यह आवाज सुनाई तो देती है मगर रास्ते में ही यह आवाज या तो दब जाती है या गुम हो जाती है। राहुल गांधी आवाज देते हैं और कांग्रेस की ताकत अपने बब्बर शेरों को बताते हैं मगर सवाल खड़ा हो जाता है की क्या राहुल गांधी को उनके प्रोफेशनल सलाहकार भटका देते हैं या गुमराह कर देते हैं।
देश के भीतर ऐसे अनेक परिवार हैं जिन्होंने पीढ़ी दर पीढ़ी कांग्रेस के लिए संघर्ष किया। चाहे वह श्रीमती इंदिरा गांधी का युग हो या फिर श्रीमती सोनिया गांधी का युग हो। कांग्रेस परिवार के लोगों के संघर्ष के कारण ही सत्ता से बाहर होने के बाद कांग्रेस ने उस समय सत्ता में वापसी की थी।
लेकिन कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद उन परिवारों को कांग्रेस के मठाधीश उपेक्षित कर वापस से अपने घरों में बंद होने के लिए मजबूर कर देते हैं। यह स्वयंभू नेता लगातार पीढ़ी दर पीढ़ी कांग्रेस में रहकर सत्ता और संगठन की मलाई खाते हैं। मैंने अपने पिछले ब्लॉग में लिखा था कि कांग्रेस परिवार में ऐसे अनेक युवा है जो तकनीकी शिक्षा में पारंगत हैं और अधिकांश कांग्रेस परिवार के युवा या तो बेरोजगार हैं या फिर छोटी सी पगार पर अपना जीवन यापन करने के लिए मजबूर हैं।
क्योंकि सोशल मीडिया का युग है और कांग्रेस सत्ताधारी भाजपा की अपेक्षा कमजोर है। कांग्रेस ने घोषणा की है कि वह प्रतिवर्ष 50 प्रोफेशन लोगों का चयनकर कांग्रेस में शामिल करेंगे और उन्हें तैयार करेंगे। बेहतर होगा कांग्रेस अपने परिवार के उन युवाओं का 50 नहीं 100 का चयन करें जो तकनीकी शिक्षा में पारंगत हैं और अपनी सेवाएं कांग्रेस को देना चाहते हैं। इससे कांग्रेस को अनेक फायदे होंगे। एक तो कांग्रेस को खानदानी कांग्रेसी मिल जाएगा जो पार्टी के प्रति वफादार होगा और ईमानदारी से कांग्रेस के लिए तन्मयता से काम करेगा। दूसरा फायदा यह होगा कि कांग्रेस के भीतर प्रोफेशनल के नाम पर गैर कांग्रेसी विचारधारा के लोगों का प्रवेश नहीं होगा। बल्कि कांग्रेस को मजबूत कार्यकर्ता मिलेगा।
राहुल गांधी और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस को मजबूत करने के लिए 2014 से ही विभिन्न अभियान चला रहे हैं। राहुल गांधी और मल्लिका अर्जुन खड़गे को एक अभियान यह भी शुरू करना चाहिए। पार्टी कांग्रेस के मठाधीशों की उपेक्षा के कारण कुंठित होकर अपने घरों में बैठे कांग्रेस परिवार के सदस्यों को ढूंढ कर उन्हें विश्वास के साथ पार्टी के भीतर जिम्मेदारी दें। कांग्रेस को कहीं भटकने की जरूरत नहीं है और ना ही प्रतिवर्ष 50 प्रोफेशनल लोगों को कांग्रेस में शामिल कर उन्हें प्रशिक्षित करने की जरूरत है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)