
-देवेंद्र यादव-

मध्य प्रदेश के उज्जैन में कांग्रेस की किसान रैली में वह नजारा देखने को मिला, जिसका आम कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लंबे समय से इंतजार था। किसान रैली के मंच पर कांग्रेस के तमाम युवा नेता थे तब उनके सामने किसानों के बीच वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह मौजूद थे। दिग्विजय सिंह किसानों के बीच बैठकर युवा नेताओं की बात सुन रहे थे।
काश ईमानदारी से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इसे समझें तो, कांग्रेस फिर से जीवित हो उठेगी।
कांग्रेस के भीतर झगड़ा ही इस बात को लेकर है कि लंबे समय से कुंडली मारकर बैठे नेता, युवाओं और कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ने का मौका ही नहीं दे रहे। सांसद दिग्विजय सिंह उज्जैन में किसान रैली के मंच के सामने आम कार्यकर्ताओं और किसानों के साथ बैठकर क्या संदेश दे रहे हैं। क्या युवा नेताओं को आगे बढ़ाने अथवा कांग्रेस की राजनीति में अपने बेटे जयवर्धन सिंह को अपनी राजनीतिक विरासत संभलाने की जुगत कर रहे हैं। दिग्विजय सिंह के सामने मंच पर उनके विधायक और गुना से जिला अध्यक्ष जयवर्धन सिंह आम कार्यकर्ताओं और किसानों को संबोधित कर रहे थे। जयवर्धन सिंह मध्य प्रदेश में लोकप्रिय युवा नेता हैं इसमें कोई संदेह नहीं है, और वह जनता से भी वैसे ही मिलते हैं जैसे दिग्विजय सिंह आम जनता से मिलते हैं।

जहां तक कांग्रेस की किसान रैली की बात करें तो, मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचाने में किसान आंदोलन की बड़ी भूमिका रही है। या यूं कहे कि जीतू पटवारी मध्य प्रदेश के किसानों की समस्याओं को उठाकर आंदोलन करके कांग्रेस के भीतर बड़े नेता बने थे। वह अब मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हैं। कांग्रेस ने 12 सितंबर शुक्रवार के दिन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के घर उज्जैन से किसानों की समस्याओं को लेकर भाजपा सरकार को ललकारा है।
उज्जैन की किसान रैली में, दिग्विजय सिंह और उनके पुत्र जयवर्धन सिंह की तस्वीर के अलावा एक और तस्वीर भी देखने को मिली। राजस्थान कांग्रेस के भीतर 2028 के विधानसभा चुनाव से पहले कौन सी तस्वीर नजर आएगी इसकी झलक उज्जैन की किसान रैली में दिखाई दी। मंच पर मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय प्रभारी हरीश चौधरी और छत्तीसगढ़ कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रभारी महामंत्री सचिन पायलट एक साथ नजर आए।
सचिन पायलट राजस्थान में कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री की कुर्सी के सबसे प्रबल दावेदार हैं। मगर, सचिन पायलट के सामने अशोक गहलोत ने जाट राजनीति की बड़ी चुनौती पेश कर रखी है। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा हैं और डोटासरा को उस समय राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनवाया था जब अशोक गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री थे और सचिन पायलट ने उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाने के कारण बगावत कर दी थी। पार्टी हाई कमान ने सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया था और अशोक गहलोत ने पायलट की जगह गोविंद सिंह डोटासरा को प्रदेश अध्यक्ष बनवा दिया। डोटासरा की भी नजर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है। राजस्थान में कांग्रेस के भीतर जाट नेता को मुख्यमंत्री बनाने की लंबे समय से जाट आवाज उठा रहे हैं। जब भी अशोक गहलोत की राजनीति पर कोई संकट आता है तो वह राजस्थान में जाट नेता को आगे कर देते हैं। क्या सचिन पायलट अशोक गहलोत को उनकी ही रणनीति से 2028 में मात देंगे। इसका नजारा राजस्थान में नहीं बल्कि मध्य प्रदेश किसान कांग्रेस की किसान रैली के मंच पर देखने को मिला। राजस्थान के जाट नेता हरीश चौधरी और राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट का एक साथ आना राजस्थान कांग्रेस में भविष्य की बनने वाली तस्वीर को बता रहा है। बड़ा सवाल यह है कि कांग्रेस के दो बड़े नेताओं दिग्विजय सिंह और सचिन पायलट ने किसान मंच से अपनी-अपनी भविष्य की राजनीति को साध लिया है। लेकिन किसान रैली से आयोजकर्ता मध्य प्रदेश के किसान कांग्रेस के अध्यक्ष और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और मध्य प्रदेश के परेशान आम किसान और कार्यकर्ताओं को क्या मिलेगा यह तो भविष्य बताएगा।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)

















